
नई दिल्ली । वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी ने कहा कि पिछले साल पूर्वी लद्दाख में पैदा हुए हालात में बड़ी संख्या में वायु सेना कर्मियों को स्वयं को परिस्थितियों के अनुकूल ढालकर उपकरणों का उनकी क्षमता से अधिक इस्तेमाल करना पड़ा, लेकिन अगर परिस्थितियां लंबे समय तक ऐसी रहती हैं, तब बल की तैयारी काफी बेहतर है। वायु सेना प्रमुख ने कहा कि चिंता की बात है कि जवानों की संख्या लगातार कम हो रही है, जबकि उनकी भर्ती एक तरह से बंद है। उन्होंने कहा कि लड़ाकू दस्ते में आती कमी की, तेजी से नए जवानों की भर्ती के साथ भरपाई की जानी चाहिए ताकि ‘‘हम अपनी समग्र क्षमताओं को न खोएं।
चौधरी ने कहा कि पिछले साल में क्षेत्र की कठोर परिस्थितियों में सामने आईं चुनौतियों के कारण ‘हमें आभास हुआ है कि हम कहां पिछड़े हैं’, फिर चाहे वहां रहने वाले लोगों के लिए पर्याप्त परिधानों और रिहायशों की बात हो, उन्होंने कहा, ‘‘पूर्वी लद्दाख में पिछले साल जो हालात बने, उससे हम बहुत वाकिफ नहीं थे, खासतौर पर उस तरह के माहौल में जिसमें हमें अभियान चलाने की जरूरत पड़ी। इसके लिए बड़ी संख्या में सैनिकों को बहुत कम समय में परिस्थितियों के अनुकूल खुद को ढालना पड़ा, उपकरणों का क्षमता से अधिक इस्तेमाल करना पड़ा, कुछ का इस तरह इस्तेमाल करना पड़ा जिनकी अनुमति नहीं थी।’’
वायु सेना प्रमुख ने कहा, हमने उपकरणों को ऊंचाई पर पहुंचाया। उन ऊंचाइयों से भी ऊपर जो जांची-परखी थीं।’’ पिछले साल जून के मध्य में पूर्वी लद्दाख में तनाव बढ़ने के बाद, वायु सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास पूर्वी लद्दाख और अन्य स्थानों पर सुखोई 30 एमकेआई, जगुआर और मिराज 2000 विमानों जैसे अपने लगभग सभी अग्रिम पंक्ति के लड़ाकू विमानों को तथा युद्धक हेलीकॉप्टरों को तैनात किया था।
उन्होंने कहा कि जवानों की सेहत का ध्यान रखकर उन्हें लगातार बारी-बारी से तैनात करने की भी चुनौती रही है। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा, ‘‘नतीजतन, पिछले एक साल में, हमने महसूस किया है कि कहां कमी है, चाहे वह लोगों के लिए पर्याप्त परिधान, रिहायशी बंदोबस्त के मामले में हो। इसलिए, हमने अब उन सभी कमियों को दूर कर लिया है, और मुझे लगता है, हम बेहतर तरीके से तैयार हैं, अगर यह और लंबा चलता है,तब हम इस सर्दी में पिछले साल की तुलना में ज्यादा बेहतर तरीके से तैयार हैं।’’