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भारत ने एलएसी पर तैनात किया 'पिनाक', 44 सेकेंड में दागता है 12 राकेट, 38 किमी तक साधता है सटीक लक्ष्य

भारत ने एलएसी पर तैनात किया 'पिनाक', 44 सेकेंड में दागता है 12 राकेट, 38 किमी तक साधता है सटीक लक्ष्य

नई दिल्ली । चीन के साथ तनाव के बीच भारत ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपना ताकतवर 'पिनाक' रॉकेट सिस्टम तैनात कर दिया है। भगवान शिव के धनुष 'पिनाक' के नाम पर बना यह मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर पूरी तरह से स्वदेशी है. इसे डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने तैयार किया है। पिनाक 44 सेकंड में 12 रॉकेट दाग सकता है और 38 किलोमीटर दूर स्थित दुश्मन के ठिकाने पर ठीक-ठीक निशाना लगा सकता है। 6 लॉन्चरों वाली पिनाक की एक बैटरी 44 सेकंड में ताबड़तोड़ 72 रॉकेट दाग सकती है। इसका नया अवतार इसे और भी ज्यादा विध्वंसक बनाता है, जो 75 किमी से ज्यादा दूर तक बिल्कुल सटीक निशाना लगा सकता है। नए अवतार से जुड़े सारे टेस्ट भी हो चुके हैं, बस सिस्टम को अपग्रेड करना बाकी है।
पिनाक मूल रूप से मल्‍टी-बैरल रॉकेट सिस्‍टम है। इससे सिर्फ 44 सेकेंड्स में 12 रॉकेट दागे जा सकते हैं। पिनाक सिस्‍टम की एक बैटरी में 6 लॉन्‍च व्हीकल होते हैं, इसके साथ ही लोडर सिस्टम, रेडार और लिंक विद नेटवर्क सिस्‍टम और एक कमांड पोस्‍ट होती है। एक बैटरी के जरिए टारगेट के एक किमी के दायरे को पूरी तरह ध्‍वस्‍त किया जा सकता है। पाकिस्तान के साथ करगिल जंग के दौरान भी पिनाक ने अपना दम दिखाया था। 
पिनाक रॉकेट सिस्टम को रूसी मूल के बीएम-21 ग्रैड्स की जगह लेने के लिए तैयार किया गया था। इसे अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में तैनात किया गया है। ऊंचाई वाले इलाके में तैनात होने की वजह से इसकी रेंज 38 किलोमीटर से कुछ ज्यादा हो जाती है। पिनाक का नया अवतार युद्ध के दौरान गेमचेंजर साबित हो सकता है। इसका रेंज 38 किमी से बढ़कर 75 किमी से ज्यादा तो होगी ही, यह गाइडेड वर्जन भी होगा। यानी इसमें शत-प्रतिशत सटीक निशाने से दुश्मन के ठिकाने को तबाह कर देने की क्षमता है। 
नेविगेशन सिस्‍टम सीधे इंडियन रीजनल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्‍टम से जोड़ा गया है। डीआरडीओ पिनाक के गाइडेड वर्जन का सफल टेस्ट कर चुका है। सन 2017 से सन 2020 के बीच रेंज टेस्ट के दौरान इसने 75 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक सटीक निशाना साधा। पिछले साल फरवरी में इसका फाइनल टेस्ट हुआ। हालांकि, कुछ तकनीकी कारणों से पिनाक का गाइडेड वर्जन अभी सेना के इस्तेमाल के लिए उपलब्ध नहीं है। बढ़ी हुई रेंज के लिए लॉन्चर सिस्टम को अपग्रेड करना पड़ेगा, तभी यह 75 किमी से ज्यादा दूर तक सटीक निशाना साध सकेगा।
अगस्त 2020 में रक्षा मंत्रालय ने सेना के लिए पिनाक मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर के निर्माण के लिए 2,580 करोड़ रुपए की डील की थी। इसके लिए लॉर्सन एंड ट्रुबो और टाटा एयरोस्पेस एंड डिफेंस को कॉन्ट्रैक्ट मिला है। सरकारी कंपनी बीईएमएल को रॉकेट लॉन्चर के लिए ट्रकों की सप्लाई का ठेका मिला है। डीआरडीओ ने पूरी तरह स्वदेशी पिनाक की तकनीक को देश के प्राइवेट सेक्टर को सफलता से ट्रांसफर किया है। पिनाक से जुड़े 6 नए रेजिमेंट्स में 4 के लिए कॉन्ट्रैक्ट एल एंड टी को मिला है, जबकि बाकी 2 के लिए टाटा एयरोस्पेस एंड डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग करेगी।
 

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