
नई दिल्ली । आज विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) आज होने जा रही महत्वपूर्ण बैठक में भारत की पहली स्वदेशी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल की मंजूरी मिल सकती है। डब्ल्यूएचओ की बैठक में यह फैसला लिया जा सकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) आज भारत के स्वदेशी कोरोनारोधी टीके कोवैक्सीन को मंजूरी दे सकता है। इस संबंध में संगठन की टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप की आज बैठक होगी। भारत बायोटेक द्वारा विकसित कोवैक्सीन को मंजूरी का आवेदन जून, 2021 में किया गया था। मंजूरी मिलने के बाद इस टीके को लगवाने वाले अंतरराष्ट्रीय यात्राएं कर सकेंगे।
पिछले सप्ताह डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने बताया था कि 26 अक्टूबर को होने वाली बैठक में हैदराबाद की भारत बायोटेक के कोवाक्सिन टीके को विश्व स्तरीय आपात इस्तेमाल की सूची में शामिल करने पर फैसला होगा। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन के अनुसार, वैश्विक स्वास्थ्य निकाय का तकनीकी सलाहकार समूह 26 अक्टूबर को कोवैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग सूची (ईयूएल) पर विचार करने के लिए बैठक करेगा। बता दें कोवैक्सीन का कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान में देशभर में उपयोग किया जा रहा है।
डब्ल्यूएचओ ने ट्वीट किया था, ‘हम जानते हैं कि बहुत से लोग, कोविड-19 के खिलाफ आपात स्थिति में इस्तेमाल किए जाने वाले टीकों की सूची में कोवैक्सीन के शामिल होने के लिए डब्ल्यूएचओ की सिफारिश की प्रतीक्षा कर रहे हैं लेकिन हम हड़बड़ी में ऐसा नहीं कर सकते हैं, आपात स्थिति में यूज के लिए किसी प्रोडक्ट की सिफारिश करने से पहले, हमें यह सुनिश्चित करने के लिए इसका अच्छी तरह से मूल्यांकन करना होगा कि वह सुरक्षित एवं प्रभावी है।’ डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि भारत बायोटेक ने कोवाक्सिन से जुड़े सभी दस्तावेज उपलब्ध कराए हैं जिनकी समीक्षा लगभग पूरी हो चुकी है। मंगलवार को होने वाली बैठक में समिति के विशेषज्ञ अपनी-अपनी राय देने के अलावा वैक्सीन के प्रभाव, सुरक्षा और एंटीबाडी का स्तर इत्यादि की जांच करेंगे जिसके आधार पर कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल की सूची में शामिल किया जा सकता है।
कोवैक्सीन को अब तक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुमति नहीं मिली है जिसके चलते कोवैक्सीन की डोज लेने वाले लोग विदेश यात्रा के लिए मान्य नहीं है। दुनिया के ज्यादातर देशों में उन्हीं लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है जिन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डब्ल्यूएचओ की सूची में शामिल कोरोना वैक्सीन की डोज लगी हो।