
पंचकुला । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को कहा कि कोई भी टकराव शुरू करना शांतिप्रिय भारत के मूल्यों के खिलाफ है लेकिन वह किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए हमेशा तैयार रहता है।
रक्षा मंत्री ने पंचकूला में टर्मिनल बैलिस्टिक्स रिसर्च लेबोरेटरी (टीबीआरएल) की अपनी यात्रा के दौरान यह बात कही, जहां उन्होंने संवर्धित पर्यावरण परीक्षण सुविधा का भी उद्घाटन किया।
सिंह ने अपने संबोधन में कहा, " आप जानते हैं कि भारत हमेशा से एक शांतिप्रिय राष्ट्र रहा है और (आज भी ऐसा ही है)। किसी भी तरह के संघर्ष को अपनी ओर से शुरू करना हमारे मूल्यों के खिलाफ है।"
उन्होंने कहा, लेकिन साथ ही यह भी उतना ही सही है कि जरूरत पड़ने पर हमारा देश किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
उन्होंने कहा कि उन्हें बुधवार को सेना कमांडरों के सम्मेलन में देश के शीर्ष रक्षा नेतृत्व को संबोधित करने का अवसर मिला।
"इस बात पर चर्चा हुई कि समय कितनी तेजी से बदल रहा है। यह बदलाव दुनिया भर के देशों के बीच आपसी संबंधों, व्यापार, अर्थव्यवस्था, राजनीतिक और सुरक्षा मामलों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने की आवश्यकता पर बल देते हुए श्री सिंह ने कहा, "वैज्ञानिक क्षमताओं में वृद्धि और नए आविष्कारों ने भी सुरक्षा पर एक बड़ा प्रभाव डाला है।"
पूर्व राष्ट्रपति और वैज्ञानिक एपीजे अब्दुल कलाम को याद करते हुए, श्री सिंह ने कहा कि वह कहते थे, "इस दुनिया में डर के लिए कोई जगह नहीं है। केवल एक शक्ति दूसरे का सम्मान करती है।"
उन्होंने कहा, "हम भारत को एक मजबूत भारत भी बनाना चाहते हैं जो सबसे बड़ी शक्ति की आंखों में देख सके।"
रक्षा मंत्री सिंह ने कहा कि टीआरबीएल रेंज के अपने दौरे के दौरान, उन्हें यहां विकसित किए जा रहे हथियारों और हथियारों के साथ-साथ परीक्षण और मूल्यांकन सुविधाओं के बारे में भी बताया गया।
उन्होंने कहा कि इस साल अगस्त में उन्होंने भारतीय सेना को एक मल्टी-मोड हैंड ग्रेनेड सौंपा था, टीआरबीएल द्वारा विकसित और डिजाइन किया गया, यह निजी क्षेत्र द्वारा निर्मित पहला गोला बारूद था, मुझे बताया गया था कि इस ग्रेनेड ने उत्पादन में 99.5 प्रतिशत से अधिक कार्यात्मक विश्वसनीयता हासिल की है।
श्री सिंह ने कहा कि भारतीय सेना को बंड ब्लास्टिंग डिवाइस मार्क II की प्रणाली भी दी गई है, जिसे पहले टीआरबीएल द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया था।
उन्होंने कहा कि इसका उत्पादन निजी क्षेत्र द्वारा प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के माध्यम से किया जाएगा।
उन्होंने संकेत दिया कि स्वदेशी प्रणालियों को नियमित रूप से शामिल किया जाता रहेगा।
इस अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, डीआरडीओ के अध्यक्ष और अनुसंधान एवं विकास सचिव (रक्षा विभाग) डॉ जी सतीश रेड्डी और वायुसेना उप प्रमुख एयर मार्शल संदीप सिंह भी उपस्थित थे।