
नई दिल्ली । भारतीय सेना ने 39 महिला अफसरों को स्थायी कमीशन दिया है। शुक्रवार को सेना के अधिकारियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने सेना से इन अधिकारियों को एक नवंबर तक स्थायी कमीशन देने का निर्देश दिया था। इससे पहले सेना की महिला अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की थी और शीर्ष न्यायालय से अपील की थी कि वो इस संबंध में सेना को आदेश दें कि उन्हें स्थायी कमीशन दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल, 2021 को अपना एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा था कि जिन महिलाओं को स्पेशल सेलेक्शन बोर्ड में 60 प्रतिशत से अधिक अंक मिले हैं और जिनके खिलाफ अनुशासनहीनता और विजिलेंस के मामले नहीं हैं उन महिला अधिकारियों को सेना परमानेंट कमीशन दे। लेकिन इसके बावजूद किसी ना किसी वजह से महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन नहीं मिल पा रहा था। इसके बाद 10 अगस्त को इन महिलाओं ने रक्षा मंत्रालय और सेना को कानूनी नोटिस भी भेजा था। हालांकि, जब उन्हें इसका जवाब नहीं मिला तब उन्होंने शीर्ष न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। सु्प्रीम कोर्ट में सेना की महिला अधिकारियों की तरफ से दायर याचिका पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड और जस्टिस बीवी नगरत्ना की बेंच ने अहम सुनवाई की थी। अदालत में केंद्र की ओर से कहा गया था कि 39 महिला अफसरों को स्थायी कमीशन दिया जा सकता है। इसके बाद 'सुप्रीम' अदालत ने अपने फैसले में सेना से कहा था कि आप अपने स्तर पर यह मामला सुलझाएं...ऐसा ना करें कि हमें फिर कोई आदेश देना पड़े। सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई जीतने के बाद सेना की 39 महिला अफसरों को इसी महीने 22 अक्टूबर को स्थायी कमीशन मिला था। सुप्रीम कोर्ट ने सेना से उन्हें 1 नवंबर तक स्थायी कमीशन देने को कहा था। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को ये सुनिश्चित करने का आदेश दिया था कि सात कार्य दिवसों के भीतर इन महिला अफसरों को नई सेवा का दर्जा दिया जाए।