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मुंबई ड्रग्स केस- व्हाट्सऐप चैट्स साबित नहीं करती कि ड्रग्स सप्लायर था आरोपी : कोर्ट 

मुंबई ड्रग्स केस- व्हाट्सऐप चैट्स साबित नहीं करती कि ड्रग्स सप्लायर था आरोपी : कोर्ट 

मुंबई । समुद्र के बीच क्रूज ड्रग्स केस में विशेष अदालत ने 9 आरोपियों को जमानत दे दी थी। कोर्ट ने अचित कुमार की जमानत याचिका को भी मंजूर किया और कहा है कि केवल व्हाट्सऐप चैट के आधार पर नहीं माना जा सकता कि वह आर्यन खान और अरबाज मर्चेंट को ड्रग्स पहुंचाता था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने भी आर्यन, अरबाज और मॉडल मुनमुन धामेचा के जमानत आवेदन पर मुहर लगा दी थी। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 22 वर्षीय अचित कुमार के मामले में विशेष कोर्ट ने रविवार को आदेश जारी किया। इसमें कहा गया है, ‘…यह ध्यान देने वाली बात है कि भले ही प्रतिवादी (एनसीबी) ने दावा किया है कि आवेदक (कुमार) सप्लायर है, प्रतिवादी ऐसा सबूत लाने में असफल रहे, जो दिखाए कि आवेदक प्रतिबंधित सामग्री की लेन-देन में शामिल है। आरोपी क्रमांक 1 (आर्यन खान) के साथ व्हाट्सऐप चैट्स के अलावा और कोई सबूत नहीं है, जो दिखा सके कि आवेदक ऐसी किसी गतिविधि में शामिल था।’
कोर्ट ने आगे कहा, ‘केवल व्हाट्सऐप चैट्स के आधार पर यह नहीं कहा जा सकता कि आवेदक आरोपी क्रमांक 1 (आर्यन खान) और 2 (अरबाज मर्चेंट) को प्रतिबंधित सामग्री सप्लाई करता था। खासतौर से तब जब माननीय हाईकोर्ट ने आरोपी क्रमांक 1 की जमानत मंजूर कर ली है।’ विशेष न्यायाधीश वीवी पाटिल की तरफ से शनिवार को 9 आरोपियों की जमानत मंजूर की गई थी। 9 में से 5 आरोपियों को लेकर जारी आदेश में कोर्ट ने कहा है कि इस बात के कोई सबूत नहीं है कि वे साजिश में शामिल थे। इससे पहले 20 अक्टूबर को आर्यन, मर्चेंट और धामेचा की जमानत याचिका को नामंजूर करते हुए विशेष अदालत ने एनसीबी की दलीलें मानी थीं। उस दौरान ब्यूरो ने कहा था कि सभी आरोपी ‘एक तार’ से जुड़े हुए हैं। एनसीबी ने कथित रूप से कुमार को 2.6 ग्राम गांजा के साथ गिरफ्तार किया था। ब्यूरो ने दावा किया था कि उन्हें खान के फोन से व्हाट्सऐप चैट बरामद हुई थी। दावा किया गया था कि कुमार एक ‘पैडलर’ था और शहर के ‘गांजा तस्करी नेटवर्क’ का हिस्सा था।   
कोर्ट ने इवेंट मैनेजमेंट कंपनी केनप्लस ट्रेडिंग प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े चार लोगों की जमानत मंजूर की है। कोर्ट ने आदेश दिया कि ऐसा कुछ भी पेश नहीं किया गया, जो यह साबित कर सके कि इन लोगों ने अपराधियों को जहाज पर पनाह या आर्थिक मदद दी थी। इसमें बताया गया है कि कॉर्डेलिया क्रूज टीम और स्पॉन्सर्स में से किसी को भी मामले में आरोपी नहीं बनाया गया है। दिल्ली निवासी और कंपनी के निदेशक समीर सहगल और गोपालजी आनंद और कर्मचारियों मानव सिंहल और भास्कर अरोरा मामले में आरोपी थे। इवेंट कंपनी से जुड़े चार लोगों की जमानत के विरोध में एनसीबी ने दावा किया कि वे यात्रियों और कथित रूप से रेव जैसी पार्टी के बारे में जानते थे।   गिरफ्तार हुए 20 लोगों की जमानत को अब तक मंजूर किया जा चुका है। इनमें वे 14 लोग भी शामिल हैं, जिनके पास से कथित रूप से कुछ मात्रा में ड्रग्स पाया गया था। कुमार और कंपनी से जुड़े चार लोगों को शनिवार को जेल से रिहा किया गया। जबकि, धामेचा और मर्चेंट रविवार को जेल से छूटे।  
 

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