
नई दिल्ली। भारत और रवांडा ने स्वास्थ्य, ऊर्जा, कृषि, शिक्षा, नागर विमानन, रक्षा एवं सुरक्षा, आधारभूत ढांचे सहित आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की। दोनों देश कुछ क्षेत्रों में लंबित समझौता ज्ञापन (एमओयू) को जल्द अंतिम रूप देने पर भी सहमत हुए। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी । मंत्रालय के बयान के अनुसार, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन की 14-15 नवंबर 2021 की किगाली की यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय संबंधों के विविध आयामों पर चर्चा की। मुरलीधरन ने इस यात्रा के दौरान रवांडा के विदेश मंत्री डा विसेंट विरूटा के साथ भारत-रवांडा संयुक्त आयोग की पहली बैठक की सह अध्यक्षता भी की।
बयान के अनुसार, दोनों पक्षों ने स्वास्थ्य, ऊर्जा, कृषि, शिक्षा, नागर विमानन, संस्कृति रक्षा एवं सुरक्षा, आधारभूत ढांचा सहित आपसी हितों से जुड़े विविध विषयों पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति व्यक्त की तथा द्विपक्षीय संबंधों की वर्तमान स्थिति पर चर्चा की। विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्षों ने क्षेत्रीय, अंतरराष्ट्रीय और बहुस्तरीय मुद्दों पर चर्चा की। दोनों पक्ष लंबित समझौता ज्ञापन (एमओयू) को जल्द अंतिम रूप देने तथा वर्तमान संस्थागत तंत्र के तहत कार्य करने पर सहमत हुए । रवांडा ने उनके देशों में भारत की विकास सहयाता एवं सहयोग कार्य के लिये धन्यवाद दिया। विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन ने अपनी यात्रा के दौरान रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कागमे से भेंट की। बयान के अनुसार, राष्ट्रपति कागमे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शुभकामनाएं दी और भारत एवं रवांडा के सामरिक गठजोड़ का उल्लेख करते हुए इनके बीच विशेष संबंधों में पूर्ण क्षमता हासिल करने की इच्छा व्यक्त की। विदेश राज्य मंत्री ने राष्ट्रपति कागमे को आधिकारिक यात्रा पर भारत आने का निमंत्रण दिया। बयान में कहा गया कि इस यात्रा के दौरान विदेश राज्य मंत्री मुरलीधरन न्याबारोंगो पनबिजली परियोजना देखने गए जिसे भारत की रिण सुविधा के तहत 2015 में पूरा किया था। उन्होंने वहां भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात की।