
नई दिल्ली । आधार कार्ड को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने को लेकर जल्दी ही अहम फैसला किया जा सकता है। इसको लेकर अगले हफ्ते संसद की एक स्थाई समिति की बैठक होने वाली है। भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली कार्मिक, लोक शिकायत, कानून और न्याय संबंधी स्थाई समिति की 25 नवंबर को बैठक होने वाली है।
सूत्रों के अनुसार इस बैठक में चुनाव सुधार से जुड़े कई और मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। आधार और वोटर आईडी को जोड़ने के अलावा इस बैठक में चुनाव से जुड़े जिन मुद्दों पर चर्चा होगी वह हैं- रिमोट वोटिंग, झूठे हलफनामे दाखिल करने वाले निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई और पंचायत से संसद तक सभी चुनाव कराने के लिए आम मतदाता सूची शामिल है। चुनाव आयोग ने हाल ही में केंद्रीय कानून मंत्रालय को मतदाता पहचान पत्र के साथ आधार को जोड़ने सहित लंबित चुनावी सुधारों को मंजूरी देने का अनुरोध किया था।
उल्लेखनीय है कि इस साल अगस्त में सरकार ने नए मतदाताओं के पंजीकरण के लिए चुनाव आयोग को आधार का इस्तेमाल करने की अनुमति देने के प्रस्ताव रखा था। इसके साथ ही सरकार ने आधार को जोड़ने के प्रस्ताव को लेकर यूआईडीएआई से संपर्क किया था। स्थाई समिति रिमोट वोटिंग के मुद्दे पर भी चर्चा करेगी। उल्लेखनीय है कि रिमोट वोटिंग के जरिए मतदाताओं को उनके पंजीकृत निर्वाचन क्षेत्रों में कहीं से भी वोट डालने का अधिकार दिया जाएगा। कहा जा रहा है कि चुनाव आयोग के अधिकारियों से समिति की बैठक के दौरान इस मुद्दे पर एक प्रजेंटेशन भी दिया जा सकता है।
यह मुद्दा ऐसे समय में आया है जब चुनाव आयोग देश भर में प्रवासी श्रमिकों की आबादी की मैपिंग शुरू करने की योजना बनाई है, ताकि रिमोट वोटिंग की शुरुआत के लिए रोडमैप तैयार किया जा सके। इस साल की शुरुआत में, तत्कालीन कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा को बताया था कि आम मतदाता सूची के इस्तेमाल से समय की बचत होगी। हर चुनाव के लिए अलग-अलग वोटर लिस्ट जारी की जाती है। अब सभी चुनाव के लिए एक ही वोटर लिस्ट तैयार करने पर विचार किया जा रहा है।