
नई दिल्ली । भारत में कबाड़ नीति को लेकर लगातार मोदी सरकार मुख्य कदम उठा रही है। इसी दिशा में मंगलवार को पुराने वाहनों को रिसाइकल करने की पहली यूनिट का नोएडा में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने शुभारंभ किया है। बता दें, देश की सबसे बड़ी वाहन निर्माता कंपनी मारुति और टोयोटा त्सुशो समूह ने मिलकर यूनिट का निर्माण किया है, जहां हर साल लगभग 24 हजार पुरानी गाड़ियों को कंबाड़ में तब्दील किया जाएगा। जानकारी के मुताबिक प्लांट में हर महीने 2,000 वाहनों को कबाड़ करने की क्षमता होगी और एक वाहन को स्क्रैप करने में तीन घंटे से अधिक समय लगेगा।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, गडकरी ने कहा, प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कबाड़ नीति प्रमुख कारकों में से एक होगी। पुरानी कारें नई कारों की तुलना में बहुत अधिक प्रदूषणकारी होती हैं,इसकारण उन्हें चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने की आवश्यकता है। हमें कबाड़ नीति के कारण बिक्री 10-12 फीसदी बढ़ने की उम्मीद है।उन्होंने कहा, पुराने वाहन प्रदूषण का कारण बनते हैं, जो समाज के लिए एक बड़ी समस्या है।कबाड़ अर्थव्यवस्था के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हमें सभी कच्चे माल कम लागत पर मिलेगा, जिससे हम उत्पादन लागत कम कर सकते हैं।"
गडकरी ने कहा कि केंद्र देश के हर जिले में कम से कम कुछ इसतरह के वाहन रीसाइक्लिंग या स्क्रैपिंग केंद्र शुरू करने की योजना बना रहा है। मंत्री ने कहा कि इस तरह के कदम से न केवल पुरानी कारों को खत्म करने की प्रक्रिया में आसानी होगी बल्कि अधिक रोजगार भी पैदा होगा, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और वाहनों से होने वाले प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी। इस मौके पर एक अन्य अधिकारी ने कई देशों की तरह, हमें एक ऐसी नीति की आवश्यकता है, जहां हर 3-4 साल में वाहनों की फिटनेस की जांच की जाए। हमें 15 साल इंतजार करने की जरूरत नहीं है।पहली सरकार द्वारा अनुमोदित यह स्क्रैपिंग और रीसाइक्लिंग सुविधा 10,993 वर्ग मीटर में फैली हुई है, जो मारुति सुजुकी टोयोत्सु इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा संचालित है। इस प्लांट को 44 करोड़ रुपये के निवेश से बनाया है, और यह स्क्रैपेज प्लांट केंद्र सरकार की वाहन कबाड़ नीति के अनुरूप है।