
नई दिल्ली । भारतीय नौसेना को आईएनएस वेला के साथ एक नई ताकत भी मिल गई है। इसके जरिए भारतीय नौसेना दुश्मन पर नजर रख सकती है और समय आने पर उसको माकूल जवाब भी दे सकती है। ये सबमरीन कई तरह की खूबियों से लैस है। इसमें सबसे बड़ी खूबी दुश्मन से इसका छिपे रहना और इसके डीजल इंजन का साइलेंट फीचर है। इन सभी खूबियों की वजह से ये दूसरी सबमरीन से कुछ अलग दिखाई देती है। भारत के पड़ोसी देश भी इसकी खूबियों से बखूबी परिचित होंगे। साथ ही इस सबमरीन ने उनकी धड़कनों को भी जरूर बढ़ाया होगा। अभी उनकी धड़कनें और बढ़नी तय हैं। इसकी वजह है कि कुछ ही वर्षों के अंदर भारतीय नौसेना को स्वदेशी निर्मित विमानवाहक पोत और दो सबमरीन भी हासिल हो जाएंगी। इनके नौसेना में शामिल होने के बाद देश की नौसेना की ताकत कहीं अधिक बढ़ जाएगी। हालांकि पाकिस्तान और चीन की तरफ से इस सबमरीन के बारे में अभी तक कुछ नहीं कहा गया है, लेकिन ये भी एक सच्चाई है कि उनकी निगाहें भी इस पर लगी हुई होंगी। आपको बता दें कि इसी माह की शुरुआत में चीन ने पाकिस्तान को एक युद्धपोत सौंपा था, जिसका नाम पीएनएस तघरिल बताया गया था। ये भी कहा गया था कि ये बेहद अत्याधुनिक है और इसमें चकमा देने की गजब की प्रणाली लगी हुई है। ये युद्धपोत चीन पाकिस्तान की उस रक्षा डील के तहत दिया गया है जो चीन की महत्वाकांक्षी योजना सीपैक के इर्द-गिर्द घूमती है। पाकिस्तान ने इस युद्धपोत पर चीन का शुक्रिया करते हुए यहां तक कहा था कि इससे उसकी ताकत काफी बढ़ जाएगी। बहरहाल, आपको बता दें कि जिस प्रोजेक्ट 75 के तहत आईएनएस वेला का निर्माण किया गया है उसके तहत ही अभी दो और सबमरीन का भारतीय नौसेना में शामिल होना बाकी है। हालांकि इनमें से एक सबमरीन आईएनएस वजीर का 2020 से ही समुद्र में ट्रायल चल रहा है। इसका ट्रायल पूरा करने के बाद इसको नौसेना को सौंप दिया जाएगा। इसके अलावा आईएनएस वगशीर का निर्माण तेजी से जारी है। इन सभी का निर्माण मझगांव डाक लिमिटेड में ही फ्रांस के सहयोग से किया जा रहा है।