
नई दिल्ली । देश में हर रोज 14.2 किलोग्राम वाले 47.4 लाख घरेलू रसोई गैस सिलेंडरों की खपत होती है। इसकी जानकारी पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने राज्यसभा को एक लिखित उत्तर में दी। उन्होंने सदन को बताया कि अप्रैल-सितंबर 2021 के दौरान तेल मार्केटिंग कंपनियों ने देश में पैक्ड डॉमेस्टिक और पैक्ड एनडीएनई एलपीली की क्रमश: 12308 टीएमटी और 995 टीएमटी मात्रा की बिक्री की। इसका अर्थ हुआ कि उन्होंने रोज 14.2 किलोग्राम के 47.4 लाख और 19 किलोग्राम के 2.9 लाख सिलेंडरों की बिक्री की। उन्होंने बताया कि घरेलू और गैर-घरेलू एलपीजी सिलेंडरों से राजस्व महीने दर महीने बदलता रहता है। इसकी वजह है कि खुदरा बिक्री मूल्य तेल मार्केटिंग कंपनियों, अंतरराष्ट्रीय तेल बाजार में उत्पाद की कीमतों और मुद्राओं की विनिमय दर के आधार पर अधिसूचित किए जाते हैं। हालांकि, सरकार घरेलू एलपीजी पर 5 प्रतिशत और गैर-घरेलू एलपीजी पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाती है। मंत्री ने कहा कि घरेलू एलपीजी पर सब्सिडी हर बाजार में अलग-अलग होती है और गैर-सब्सिडी मूल्य पर एलपीजी रीफिल की खरीद पर लागू सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में ट्रान्सफर कर दी जाती है। सब्सिडी का बोझ सरकार वहन करती है।