
नई दिल्ली । केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि उच्चतर शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात कम है और 2050 तक इसमें 50 प्रतिशत तक की वृद्धि के लिए रोडमैप तैयार किया गया है। प्रधान ने पूरक सवालों के जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को डिग्री आधारित नहीं बल्कि रोजगारोन्मुखी बनाया गया है।इसका मूल मकसद है कि शिक्षा को डिग्री आधारित नहीं बल्कि कौशल विकास और रोजगारोन्मुखी बनाना है। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में शिक्षा के लक्ष्य को उत्कृष्टता के साथ प्राप्त करने और इसके अनुरूप लाभों को बढाने के लिए केंद्र सरकार और सभी राज्य सरकारों, दोनों के द्वारा शिक्षा में सार्वजनिक निवेश में पर्याप्त इजाफा करने का स्पष्ट रूप से समर्थन और परिकल्पना की गई है। शिक्षा क्षेत्र में सार्वजानिक निवेश को बढाकर यथाशीघ्र सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के छह प्रतिशत तक पहुंचने के लिए केंद्र एवं राज्यों को मिलकर काम करने का दायित्व सौंपा गया है। प्रधान ने कहा कि सरकार जल्दी ही राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा)-3 शुरू करेगी।