
नई दिल्ली । 2014-21 के दौरान सरकार ने 4.28 करोड़ राशन कार्ड रद्द कर दिए हैं। आधार और सूचना प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग ने फर्जी उपयोगकर्ताओं का पता लगाने में मदद की है। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टीपीडीएस) के तहत, एफपीएस डीलरों द्वारा उचित मूल्य दुकानों (एफपीएसएस) में इलेक्ट्रॉनिक बिंदु (ईपीओएस) उपकरणों का संचालन किया जाता है।
इसके अलावा, अलग-अलग-पुराने और वृद्धावस्था राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) लाभार्थियों के लिए सब्सिडी वाले खाद्यान्नों की नियमित डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए व्यवस्था की गई है। राज्य सभा में एक लिखित उत्तर में उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री एसवी ज्योति ने शुक्रवार को कहा, यूटीएस को ऐसे लाभार्थियों को अनाज के विशेष वितरण के लिए तंत्र को लागू करने की सलाह दी जाती है।पीडीएस के आधुनिकीकरण के लिए प्रौद्योगिकी- संचालित सुधारों के बीच, वर्ष 2013 से वर्ष 2020 तक की अवधि के दौरान देश में राज्य सरकारों द्वारा अब तक कुल 4.39 करोड़ अयोग्य या फर्जी राशन कार्डों को निरस्त किया गया है। पीडीएस में पारदर्शिता लाने और दक्षता में सुधार करने के लिए, सरकार ने लाभार्थियों के डेटाबेस का डिजिटलीकरण किया है और इसे आधार संख्या का दर्ज करना अनिवार्य कर दिया है जिससे अयोग्य और फर्जी राशन कार्डों का पता लगाने में मदद मिली है।