
वाराणसी । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वाराणसी में काशी विश्वनाथ धाम के कायाकल्प के पहले चरण का उद्घाटन करने के बाद सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में जब भी औरंगजेब पैदा हुआ, तब इस मिट्टी से शिवाजी का भी उदय हुआ। यह देश, बाकी दुनिया से अलग है। उन्होंने कहा कि काशी विश्वनाथ धाम का पूरा नया परिसर केवल शानदार इमारत नहीं है बल्कि भारत की ‘सनातन संस्कृति’, हमारे अध्यात्म और भारती की प्राचीनता व परंपरा का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री ने वाराणसी की सभ्यता और विरासत की प्रशंसा की और कहा कि कई सल्तनतों का उदय और पतन हुआ, लेकिन बनारस बना रहा। उन्होंने कहा कि आक्रमणकारियों ने इस शहर पर हमला किया। इसे नष्ट करने की कोशिश की। औरंगजेब के अत्यचार और आतंक का इतिहास गवाह है। उसने कट्टरता से संस्कृति को दबाने की कोशिश की। लेकिन इस देश की मिट्टी बाकी दुनिया से अलग है। यहां अगर (मुगल सम्राट) औरंगजेब आया, तो (मराठा योद्धा) शिवाजी का भी उदय हुआ। उन्होंने कहा कि अगर सलार मसूद आगे बढ़ा तो राजा सुहेलदेव जैसे योद्धाओं ने इस देश की एकता की ताकत का उसे अहसास कराया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मंदिर परिसर जो पहले मात्र 3000 वर्ग फुट का था, वह बढ़कर अब करीब पांच लाख वर्ग फुट हो गया है। अब 50 से 70 हजार श्रद्धालु मंदिर परिसर में आ सकते हैं। उन्होंने कहा कि नया इतिहास बना है और हमारा सौभाग्य है कि हम इसके गवाह बने हैं।
अपने संसदीय क्षेत्र आने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने काल भैरव मंदिर में पूजा अर्चना की और गंगा नदी में डुबकी लगाई। वह वहां से पवित्र गंगाजल लेकर भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर आए। काशी विश्वनाथ धाम के उद्घाटन से पहले मोदी ने एक प्रार्थना समारोह में हिस्सा लिया। इसके बाद उन्होंने इस परियोजना में कार्य करने वाले मजदूरों पर उनके कार्य के लिए आभार व्यक्त करने के लिए गुलाब की पंखुड़ियां बरसाईं। बाद में उन्होंने इन्हीं मजदूरों के साथ भोजन भी किया।