
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में इनकम टैक्स की हुई छापेमारी में करोड़ों की अघोषित आय का पता चला है। आयकर विभाग ने एक ब्यान में बताया कि विभाग ने 18 दिसंबर को सिविल कंस्ट्रक्शन, रियल स्टेट और एजुकेशनल संस्थान चलाने वाले कई लोगों के घर और दफ्तरों पर छापेमारी की थी। कोलकाता का एक एंट्री ऑपरेटर के यहां भी छापेमारी की गई थी। कुल 30 जगहों पर ये छापेमारी हुई थी जिसमें लखनऊ, मैनपुरी, मऊ, कोलकाता, बेंगलुरू और एनसीआर शामिल है।छापेमारी में इनकम टैक्स की टीम ने तमाम महत्वपूर्ण दस्तावेज, हार्ड कॉपी डॉक्युमेंट्स, डिजिटल डाटा रिकवर करके जब्त किये, इन दस्तावेजों से टैक्स चोरी के तमाम सबूत मिले हैं। सिविल कंस्ट्रक्शन में शामिल आरोपी बोगस खर्चे दिखाकर करोड़ों रुपए के खर्चे दिखा रहे थे। इनके पास से ब्लेंक बिल बुक, स्टेम्पस, बोगस सप्लायर्स के साइन हुए चैक बुक मिले थे इन सभी को जब्त किया गया है। एक कंपनी से 86 करोड़ रुपए की अघोषित आय का पता लगा है। इसके अलावा एक शख्स ने कबूल किया है कि उसकी अघोषित आय 68 करोड़ रुपए है और अब वो टैक्स देने की बात कह रहा है। उसने पिछले कुछ सालों में कमाए गए 150 करोड़ रुपए की आय को घोषित नही किया था। अघोषित आय और इन्वेस्टमेंट को शेल कंपनियों द्वारा खर्चे में दिखाया जा रहा था। करीब 12 करोड़ रुपए के निवेश का पता लगा है जिसे आरोपी स्पष्टीकरण नहीं दे पाए।इसके अलावा एक और शख्स की शेल कंपनियों में 11 करोड़ रुपए के निवेश और बेनामी संपतियों में साढ़े 3 करोड़ रुपए के निवेश का पता चला है। इसके अलावा कोलकाता के एक एंट्री ऑपरेटर के यहां छापामारी की गई जो शेल कंपनियों की एंट्री करता था। इसने कई शेल कंपनियां बनाई और फर्जी केपिटल इनकम लगभग 408 करोड़ रुपए दिखाकर इसके जरिए 154 करोड़ रुपए का लोन दिखाया। डिजिटल एंट्री के अलावा हवाला लेनदेन भी सामने आया है। इन सभी एंट्री और कागजात को जब्त किया गया है।