
नई दिल्ली । वर्ष 2021 भारत में 1901 के बाद से पांचवां सबसे गर्म वर्ष था, जिसमें देश में औसत वार्षिक वायु तापमान सामान्य से 0.44 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया। यह जानकारी देते हुए भारत मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि देश में वर्ष के दौरान बाढ़, चक्रवाती तूफान, भारी बारिश, भूस्खलन, बिजली गिरने जैसी मौसमी घटनाओं के कारण 1,750 लोगों की मौत हुई है। मौसम विभाग के वार्षिक जलवायु वक्तव्य, 2021 में कहा गया है, ‘‘1901 से वर्ष 2021 देश में 2016, 2009, 2017 और 2010 के बाद पांचवां सबसे गर्म वर्ष था। देश के लिए औसत वार्षिक वायु तापमान सामान्य से 0.44 डिग्री सेल्सियस अधिक दर्ज किया गया।''
इसमें कहा गया है, ‘‘सर्दियों (जनवरी से फरवरी) और मानसून के बाद (अक्टूबर से दिसंबर) के मौसम में पूरे भारत में औसत तापमान विसंगतियों के साथ क्रमशः 0.78 डिग्री सेल्सियस और 0.42 डिग्री सेल्सियस ने साल 2021 को गर्म करने में मुख्य रूप से योगदान दिया।''विभाग ने कहा कि 2016 में, देश के लिए औसत वार्षिक वायु तापमान सामान्य से 0.710 डिग्री सेल्सियस अधिक था। वर्ष 2009 और 2017 में औसत तापमान से यह क्रमश: 0.550 डिग्री सेल्सियस और 0.541 डिग्री सेल्सियस अधिक था।उसने कहा कि 2010 में, औसत वार्षिक वायु तापमान सामान्य से 0.539 डिग्री सेल्सियस अधिक था।
विभाग ने कहा कि भारत में आंधी तूफान और बिजली गिरने से 2021 में 787 लोगों की कथित तौर पर मौत हो गई जबकि उस वर्ष भारी बारिश और बाढ़ से संबंधित घटनाओं में 759 लोगों की मौत हो गई।बयान में कहा गया है कि चक्रवाती तूफान की वजह से 172 लोगों की मौत हुई और मौसम से संबंधित अन्य घटनाओं के कारण 32 अन्य लोगों की मौत हो गई।इसमें कहा गया है कि 350 लोगों की मौत के साथ महाराष्ट्र सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य था, इसके बाद ओडिशा (223) और मध्य प्रदेश (191) का स्थान था।मौसम कार्यालय ने कहा कि 2021 में देश में वार्षिक बारिश इसकी लंबी अवधि के औसत (1961-2010 की अवधि के आधार पर) का 105 प्रतिशत थी।