
नई दिल्ली । कुछ राज्यों के इस आरोप पर कि गणतंत्र दिवस परेड से उनकी झांकी को हटा दिया गया है, केंद्र सरकार ने जोर देकर कहा कि केंद्र नहीं बल्कि एक विशेषज्ञ समिति इस संबंध में निर्णय लेती है। केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल के प्रस्तावों को विषय विशेषज्ञ समिति ने उचित प्रक्रिया और विचार-विमर्श के बाद खारिज किया है।
केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि राज्यों के मुख्यमंत्रियों द्वारा केंद्र और राज्यों के बीच विवाद को चित्रित करने के लिए अपनाया गया एक गलत उदाहरण है। यह देश के संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्यों और केंद्रीय मंत्रालयों से कुल 56 प्रस्ताव आए थे और इनमें से 21 को शॉर्टलिस्ट किया गया था। सूत्रों ने कहा कि समय की कमी को देखते हुए स्वीकृत प्रस्तावों की तुलना में अधिक प्रस्तावों को खारिज करना स्वाभाविक है।
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने यह भी कहा कि चयन की इसी तरह की प्रक्रिया हर साल अपनाई जाती है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपने राज्यों की झांकियों को हटाने का विरोध करते हुए हस्तक्षेप की मांग की है। स्टालिन ने कहा कि झांकी को हटाने से तमिलनाडु के लोगों की भावनाओं और देशभक्ति की भावनाओं को गहरी ठेस पहुंचेगी।
पश्चिम बंगाल की झांकी को शामिल नहीं किए जाने पर हैरानी जताते हुए बनर्जी ने कहा कि इस तरह के कदम से उनके राज्य के लोगों को चोट पहुंचेगी। केरल में कई राजनेताओं ने भी झांकी को बाहर करने का मुद्दा उठाकर केंद्र की आलोचना की है।