
नई दिल्ली । पेगासस जासूसी कांड का मामला एक बार फिर से गरमा गया है। रविवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है। गहलोत ने कहा कि पेगासस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को राष्ट्र को संबोधित करना चाहिए और बताना चाहिए कि जो भ्रम पैदा हो रहा है, वह गलत है। जबकि मायावती ने कहा कि इस मामले में केंद्र की चुप्पी और भी नए सवाल खड़े करती है। गहलोत ने रविवार को कहा, 'केंद्र सरकार को पेगासस मामले में खुद आगे आकर स्पष्टीकरण देना चाहिए.. अगर आप पाक साफ हो… प्रधानमंत्री को खुद को देश को संबोधित करना चाहिए और बताना चाहिए कि जो भ्रम पैदा हो रहा है, वह गलत है।' उन्होंने कहा कि टेलीफोन को अगर सर्विलांस पर रख दिया तो वह भी बड़ा जुल्म होता है। गहलोत ने कहा, ''सुप्रीम कोर्ट को भी जिस रूप में प्राथमिकता के आधार पर सुनवाई करनी चाहिए, वह नहीं कर पा रहा है, किसे दोष दें? सरकार जो हलफनामा दे रही है, उच्चतम न्यायालय में उसके कई मायने निकलते हैं।' मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि आज ऐसी स्थिति बन गई है देश के अंदर, आप आलोचना कर दो, असहमति व्यक्त कर दो, तो आप देशद्रोही हो। आप सोच सकते हो कि यह मुल्क किस दिशा में जा रहा है। मैं समझता हूं कि हर नागरिक के लिए यह चिंता का विषय होना चाहिए।' वहीं, बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि देश और जनता के प्रति जवाबदेह और जिम्मेदार होकर विश्वसनीय जवाब देने के बजाय केंद्र की चुप्पी और भी नए सवाल खड़े करती है। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने रविवार को ट़्वीट किया, 'पेगासस जासूसी कांड का भूत केंद्र सरकार व भाजपा की नींद लगातार उड़ाए हुए है। इस अति-गंभीर मामले में रोज नए खुलासे हो रहे हैं, फिर भी देश और जनता के प्रति जवाबदेह एवं जिम्मेदार होकर विश्वसनीय जवाब देने के बजाय केंद्र की चुप्पी और भी नए सवाल खड़े करती है। सरकार खुलासा करें।