
नई दिल्ली । नई इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) खरीदने तथा पुरानी हो चुकी, वोटिंग मशीनों को नष्ट करने के लिए 2022-23 के केंद्रीय बजट में निर्वाचन आयोग को देने के लिहाज से विधि मंत्रालय को 1,525 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। मंत्रालय को लोकसभा चुनावों और मतदाता फोटो पहचान पत्रों के लिए भी बजट में आवंटन किया गया है। केंद्रीय विधि मंत्रालय में विधायी विभाग ही निर्वाचन आयोग और चुनाव संबंधी कानूनों से जुड़े मुद्दे देखने वाली नोडल संस्था के रूप में काम करता है। सख्त प्रोटोकॉल का पालन करते हुए पुरानी ईवीएम को विशेषज्ञ समिति की निगरानी में नष्ट किया जाता है। एक ईवीएम औसत 15 साल तक चलती है। बजट में निर्वाचन के सहायक मद के तहत कुल 292 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं जिनमें 180 करोड़ रुपये लोकसभा चुनाव के लिए और 18 करोड़ रुपये चुनाव फोटो पहचान पत्रों के लिए हैं।