
मुंबई, । राज्य सभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के समापन भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन बार राकांपा अध्यक्ष शरद पवार का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, इस उम्र में भी शरद पवार बीमारियों के बावजूद अपने राज्य के लोगों के लिए किस तरह प्रेरणा बने हुए हैं, कोरोना काल में उन्होंने किस तरह सर्वदलीय बैठक में सकारात्मक भूमिका निभाई इसका उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने राहुल गांधी को शरद पवार से कुछ सीखने की नसीहत दी. पीएम मोदी द्वारा शरद पवार की इस तरह से तारीफों के पुल बांधे जाने के बाद महाराष्ट्र में एक नई चर्चा जोरशोर से शुरू हो गई है. कई लोगों को इसमें महाराष्ट्र में बीजेपी और राकांपा के गठबंधन की भविष्य में संभावनाएं दिखाई दे रही हैं. हालांकि शरद पवार का पीएम मोदी के साथ अच्छे संबंध होने की बातें अक्सर सामने आती रही है. कुछ साल पूर्व पीएम मोदी महाराष्ट्र के बारामती जो कि पवार का गढ़ है, वहां पवार द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में अपनी उपस्थिति दर्ज करवा हैं. इतना ही नहीं जब राकांपा के महासचिव रहे तारिक अनवर कुछ साल पूर्व राकांपा छोड़ कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे तब ये कहा जा रहा था कि शरद पवार किसी भी वक्त बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं जिसकी भनक लगने पर तारिक अनवर ने पवार का साथ छोड़ा है. बहरहाल राजनीति के चाणक्य कहे जाने वाले शरद पवार कब राजनीतिक करवट लेते हैं ये उन्हें ही पता रहता है. इसके पीछे राजनीतिक जानकार ये तर्क देते हैं कि शरद पवार ने सोनिया गाँधी का विदेशी मूल का मुद्दा उठा कर कांग्रेस पार्टी से बगावत कर अपनी अलग पार्टी बनाकर कांग्रेस को तोड़ दिया लेकिन जब सत्ता की बात आई तब उसी कांग्रेस के साथ वे गठबंधन कर बैठे.अब नए राजनीतिक घटनाक्रम में शरद पवार क्या रुख अपनाते हैं इसपर सबकी निगाहें टिकी है.