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विज्ञान में लड़कियाँ और महिलाएँ का अंतर्राष्ट्रीय दिवस  

विज्ञान में लड़कियाँ और महिलाएँ का अंतर्राष्ट्रीय दिवस  

विज्ञान में लड़कियाँ और महिलाएँ का अंतर्राष्ट्रीय दिवस प्रति वर्ष 11 फरवरी को मनाया जाता है, इस दिवस को मनाने के लिए 22 दिसंबर, 2015 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा संकल्प पारित किया गया था इस दिन को विज्ञान और प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली महिलाओं और लड़कियों को याद किया जाता है।
      विज्ञान में लड़कियाँ और महिलाएँ का अंतर्राष्ट्रीय दिवस को यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र महिला द्वारा लागू किया जाता है, अंतर सरकारी एजेंसियों और संस्थानों के साथ-साथ नागरिक समाज के साथ मिलकर, जिसका उद्देश्य विज्ञान में महिलाओं और लड़कियों को बढ़ावा देना है के द्वारा इस दिवस को मनाया जाता है।
    इस दिन का उद्देश्य महिलाओं और लड़कियों के लिए विज्ञान में भागीदारी के लिए पूर्ण    विश्व भर में 11 फरवरी को विज्ञान में महिलाओं और बालिकाओं का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाया जाता है. ये दिन विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में महिलाओं और बालिकाओं की समान सहभागिता और भागीदारी सुनिश्चित करने और इन क्षेत्रों में कार्य कर रही महिलाओं और बालिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से मनाया जाता है. इस दिन को पहली बार 2016 में विश्व स्तर पर मनाया गया था.
    इस दिन को मनाने का उद्देश्य
    विज्ञान में महिलाओं और बालिकाओं का अंतर्राष्ट्रीय दिवस- को विश्व स्तर पर मनाए जाने का उद्देश्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं और बालिकाओं की महत्वपूर्ण भूमिका को चिन्हित करना है. साथ ही विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित के क्षेत्र में महिलाओं और बालिकाओं की समान सहभागिता और भागीदारी सुनिश्चित करना है.
     ऐसे हुई शुरुआत
    वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा 11 फरवरी को विज्ञान में महिलाओं और बालिकाओं का अंतर्राष्ट्रीय दिवस मनाने के तौर पर अपनाया गया था. इस दिन को मनाने की शुरुआत वर्ष 2016 में हुई थी. यूनेस्को और संयुक्त राष्ट्र महिला द्वारा इसको लागू किया गया. इसमें अंतर सरकारी एजेंसियों और संस्थानों के साथ-साथ नागरिक समाज का भी साथ रहा ताकि महिलाओं और लड़कियों को विज्ञान के क्षेत्र में पुरुषों के मुकाबले, भागीदारी के लिए पूर्ण और समान रूप से बढ़ावा दिया जा सके.
   ये भी है वजह
  इंटरनेशनल डे ऑफ वीमेंस एंड गर्ल्स इन साइंस के इस दिन को मनाये जाने की वजह एक अध्य्यन भी रही. 14 देशों में कराए गए अध्ययन से पता चला, कि विज्ञान से जुड़े क्षेत्र में बैचलर्स डिग्री, मास्टर्स डिग्री और डॉक्टर्स डिग्री करने वाली महिला छात्राओं का प्रतिशत 18, 8 और 2 है. जबकि पुरुष छात्रों का प्रतिशत 37,18 और 6 है. यूनेस्को के आंकड़ों के (वर्ष 2014-16) के अनुसार, लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं उच्च शिक्षा में एसटीईएम (स्टेम  : साइंस , टेक्नोलॉजी  इंजीनियरिंग  एंड  मैथमेटिक्स  से संबंधित क्षेत्रों का चयन करती हैं. इस क्षेत्र में महिलाएं और बालिकाएं भी आगे बढ़ सकें इसलिए इस दिन को मनाया जाता है.

(लेखक-  विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन )
 

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