
नई दिल्ली । उद्योगजगत के साझेदारों के सहयोग से वीएलएसआई सोसाइटी ऑफ इंडिया के तत्वावधान में आयोजित 35वें अंतर्राष्ट्रीय वीएलएसआई डिजाइन और एंबेडेड सिस्टम सम्मेलन 2022 में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कहा, "भारत आज प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल तथा प्रयोग के संदर्भ में एक जबरदस्त बाजार का प्रतिनिधित्व करता है। यह एक ऐसे देश का प्रतिनिधित्व करता है जहां नवाचार इको-सिस्टम और कार्यनिष्पादन वाले उद्यमियों के एक सशक्त इको-सिस्टम की जड़ें काफी गहराई में हैं। सरकार की नीति और सरकारी पूंजी इन 2 तत्वों को उत्प्रेरित करने और एक स्थायी इको-सिस्टम बनाने जा रही है, जो आने वाले दशक में दुनिया की मांग और भारत की जरूरतों को पूरा करेगी।" इस वर्ष के सम्मेलन का विषय- “सिलिकॉन कैटालाइजिंग कंप्यूटिंग, कम्युनिकेशन एंड कॉग्निटिव कन्वर्जेंस” था।
प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साझा करते हुए, जिसने भारत को प्रौद्योगिकी क्षेत्र के विकास और विस्तार के मामले में एक अभूतपूर्व परिवर्तन मुकाम तक पहुँचाया है, राजीव चंद्रशेखर ने कहा, “15 अगस्त, 2021 को प्रधानमंत्री ने हम सभी के लिए एक दृष्टिकोण रखा था, जो भारतीय प्रौद्योगिकी और नवाचार इको-सिस्टम को लेकर काफी उत्साहवर्धक है। उन्होंने अगले 10 वर्षों को भारत का 'टेकेड'- प्रौद्योगिकी दशक बताया, जो एक शब्द के रूप में कई लोगों के लिए अनेक चीजों के साथ जुड़ा है। यह हमारी अर्थव्यवस्था की दिशा, प्रौद्योगिकी इको-सिस्टम की दिशा और सरकार के काम करने के तरीके को बदलने वाली प्रौद्योगिकी की शक्ति और अपने नागरिकों के जीवन को बदलने के बारे में है। उन्होंने कहा, “कोविड महामारी के दौरान भारत के कार्यनिष्पादन ने विश्व भर के पर्यवेक्षकों के बीच भारत को एक ऐसे देश के रूप में परिभाषित किया है, जिसने एक सुदृढ़ अर्थव्यवस्था, सशक्त सरकार और दृढ़प्रतिज्ञ नागरिकता के निर्माण के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाया है। भारत ने अब तक का सबसे अधिक एफडीआई प्राप्त किया है, वर्ष 2021 के दौरान एक महीने में 3 से अधिक की दर से यूनिकॉर्न्स बनाए हैं।"