
नई दिल्ली । केरल हाई कोर्ट ने 2 फरवरी को मलयालम समाचार चैनल मीडिया वन के प्रसारण अधिकारों को सस्पेंड करने के केंद्र सरकार के फैसले को बरकरार रखा है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा गंभीर 'सुरक्षा मुद्दों' का हवाला देते हुए केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने 31 जनवरी को चैनल को ऑफ एयर कर दिया था। बाद में हाईकोर्ट की एकल पीठ ने प्रसारण पर रोक पर रोक लगा दी। 8 फरवरी को एकल पीठ ने भी केंद्र सरकार को विस्तार से सुनने के बाद सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तर्क पर सहमति जताई। फिर मध्यमम ब्रॉडकास्टिंग कॉर्पोरेशन, जो कि चैनल चलाता है, उसके संपादक प्रमोद रमन और केरल यूनियन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट्स ने प्रतिबंध पर सवाल उठाते हुए खंडपीठ का रुख किया। अब कई दिनों की बहस के बाद चीफ जस्टिस एस मणिकुमार और जस्टिस शाजी पी चाली की खंडपीठ ने पाया कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय के फैसले में हस्तक्षेप करने की कोई वजह नहीं है। फैसला सुनाते हुए जस्टिस एन नागरेश ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय की फाइलों को देखने के बाद उन्हें खुफिया जानकारी मिली है जो चैनल को सुरक्षा मंजूरी से इनकार करने को सही ठहराती है।