
नई दिल्ली । केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कोरोना मौतों से अनाथ हुए बच्चों की संख्या पर जारी लांसेट की रिपोर्ट को सुनियोजित षड़यंत्र बताया है। उन्होंने बुधवार को कहा लांसेट के आंकड़े हकीकत से दूर आम जन में भय का वातावरण उत्पन्न करने वाले और भ्रामक हैं। उन्होंने कहा कि तथ्यों से परे ऐसे आंकड़े जारी कर लांसेट जैसी संस्थाएं इन आंकड़ों के बहाने सुनियोजित ढंग से चालबाजी करके किस तरह से माहौल बिगाड़ने की कोशिश करती हैं, यह उसकी बानगी पेश करता है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मंत्रालय राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों समेत सभी देशवासियों से आह्वान करता है कि कोरोना में अभिभावकों को खोने वाले बच्चों की सूचना तथ्यों सहित दी जा सकती है। इसके लिए ऑनलाइन माध्यम भी अपनाया जा सकता है। देश के सभी राज्यों के जिलों के जिलाधिकारियों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक देश में 1 अप्रैल 2020 से 15 फरवरी 2022 तक कोरोना व अन्य कारणों से कुल एक लाख 53 हजार 827 बच्चे अनाथ हुए हैं। इनमें से 1,42,949 बच्चों ने अपने एकल अभिभावकों को खोया है।
इसी क्रम में 492 बच्चे अनाथ हुए और 10,386 ने अपने दोनों अभिभावकों को खो दिया। इसमें राष्ट्रीय बाल आयोग के बाल स्वराज पोर्टल राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों द्वारा प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक अब तक कोरोना के कारण अपने अभिभावकों को खोने वाले 4,196 बच्चों को पीएम केयर फार चिल्डर्न स्कीम का लाभ लेने के योग्य पाया गया है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ऐसे में इस तरह से कपोल कल्पित आंकड़ों को जारी कर लांसेट जैसी संस्थाएं लोकतंत्र का माखौल उड़ा रही हैं। दरअसल, लांसेट पत्रिका में एक सर्वे में बताया था कि भारत में कोरोना से 19 लाख बच्चों ने अपने अभिभावकों को खो दिया है।