
नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मेक इन इंडिया पर बजट के बाद कहा कि इस साल के बजट में आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया के लिए किए गए फैसले हमारे उद्योग के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। पीएम मोदी ने कहा, जब इतने बड़े संकट सामने होते हैं, परिस्थितियां बदलती हैं,तब मेक इन इंडिया की जरूरत पहले से ज़्यादा होती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत जैसा विशाल देश सिर्फ एक बाजार बनकर रह जाए, तब भारत न तब कभी प्रगति कर पाएगा और न ही हमारी युवा पीढ़ी को अवसर दे पाएगा। उन्होंने कहा कि हम देख रहे हैं, कि महामारी के दौरान दुनियाभर में आपूर्ति श्रृंखला नष्ट हो गई है। इसने वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिला कर रख दिया है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया भारत को मैन्युफैक्चरिंग पॉवरहाउस के तौर पर देख रही है। हमारा विनिर्माण क्षेत्र हमारे सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 15 फीसदी है, लेकिन मेक इन इंडिया के साथ अनंत संभावनाएं हैं। हमें देश में सभी हितधारकों के साथ तालमेल बिठाकर एक मजबूत विनिर्माण आधार बनाने के लिए काम करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि हम निर्यात और भारत की जरूरतों दोनों को ध्यान में रखकर काम कर सकते हैं। हमारे उत्पादों में शून्य दोष होना चाहिए, प्रतिस्पर्धी दुनिया में गुणवत्ता मायने रखती है। दुनिया पर्यावरण के प्रति जागरूक है, इस प्रकार हमारे उत्पादों का पर्यावरण पर शून्य प्रभाव होना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि हम देख रहे हैं, कि कैसे हमारे लोग ई-वाहनों को अच्छी तरह से ले रहे हैं। भारतीय निर्माता इस क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा सकते हैं। हम स्टील की कुछ किस्मों के लिए निर्यात पर निर्भर हैं। हम अपने द्वारा निर्यात होने वाले लौह अयस्क से इसका निर्माण स्वयं क्यों नहीं कर सकते? प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि चिकित्सा उपकरण भी भारत द्वारा आयात किए जा रहे हैं। मुझे विश्वास है कि हम उन्हें अपने देश में बना सकते हैं। हमें अपने लोगों को स्वदेशी विकल्प उपलब्ध कराने चाहिए, जो मेड इन इंडिया उत्पादों को खरीदने में गर्व महसूस करें।