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एफबी पर विदेशी महिला से दोस्ती, फिर गिफ्ट में लुटाए 8 लाख रुपए -साइबर सेल ने शिकायत पर 3 अफ्रीकन नागरिकों को गिरफ्तार किया 

एफबी पर विदेशी महिला से दोस्ती, फिर गिफ्ट में लुटाए 8 लाख रुपए -साइबर सेल ने शिकायत पर 3 अफ्रीकन नागरिकों को गिरफ्तार किया 

चंडीगढ़। चंडीगढ़ के एक शख्स को फेसबुक पर विदेशी महिला से दोस्ती करनी महंगी पड़ गई। इस महिला का एफबी फर्जी था, जिसके झांसे में आकर शख्स ने महिला पर आठ लाख रुपए से ज्यादा लुटा दिए। इस मामले में साइबर सेल ने शिकायत पर 3 अफ्रीकन नागरिकों को गिरफ्तार किया है। चंडीगढ़ पुलिस के साइबर सेल ने टीना फ्रांसिस महिला के फर्जी फेसबुक प्रोफाइल के जरिए एक स्थानीय निवासी को 8.72 लाख रुपये की ठगी करने के आरोप में पश्चिम अफ्रीकी देशों के 3 लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों को दिल्ली के पालम के राज नगर से गिरफ्तार किया गया है।
  पुलिस के अनुसार, मनी माजरा निवासी यशवीर सिंह ने तीन महीने पहले फेसबुक पर टीना फ्रांसिस नाम की एक महिला से दोस्ती की थी। टीना ने उसे यूके से एक महंगा तोहफा भेजने का झांसा दिया था, जिसके लिए उसे सिर्फ कस्टम चार्ज देना था। कुछ दिनों बाद, यशवीर सिंह को एक महिला का फोन आया, जिसने खुद को आरबीएल बैंक के प्रतिनिधि के रूप में पेश किया और उसे एक निश्चित राशि बैंक खाते में जमा करने के लिए कहा। यशवीर ने कई खातों में पैसे जमा किए, लेकिन उनका कोई उपहार नहीं मिला। यशवीर ने पुलिस को बताया कि पूरे प्रकरण के दौरान महिला टीना फ्रांसिस लगातार उसके संपर्क में थी। आरोपियों की पहचान 42 वर्षीय गिदोन सेबेस्टियन, घाना के 33 वर्षीय क्लेमेंट अफुल और इवोइरिएन गणराज्य के 30 वर्षीय मोइसे केई के रूप में हुई है। जिन्हें अदालत में पेश करने के बाद दो दिन के पुलिस रिमांड में भेज दिया गया है। पुलिस ने कहा कि उन्होंने संदिग्धों के कब्जे से 23 मोबाइल फोन, 23 सिम कार्ड, विभिन्न बैंकों के 40 एटीएम कार्ड, 8 पासबुक, 4 चेक बुक, 5 वाईफाई-हॉटस्पॉट, 1 डोंगल और 4 लैपटॉप बरामद किए हैं। सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि गिरफ्तार आरोपियों पर देश के विभिन्न हिस्सों में दर्ज धोखाधड़ी के 50 से अधिक मामलों में शामिल होने का संदेह है। सूत्रों के मुताबिक अपराध में इस्तेमाल किए गए जब्त सेल फोन के आईएमईआई नंबर सभी राज्य पुलिस के एक सामान्य पोर्टल पर अपलोड किए जाएंगे, जिसके माध्यम से पुलिस यह पता लगाएगी कि फोन का इस्तेमाल अन्य ऑनलाइन अपराधों में भी किया गया था या नहीं।
 

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