
नई दिल्ली । सऊदी अरब के सबसे ताकतवर शख्स कहे जाने वाले क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने मानवाधिकारों के हनन का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि उन पर लगातार यह आरोप मीडिया की ओर से लगते रहे हैं कि उन्होंने पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या का आदेश दिया था। इस पर उन्होंने कहा कि इस तरह के दावे करना उनके मानवाधिकारों का हनन है। 2018 में तुर्की की राजधानी इस्तांबुल में स्थित सऊदी दूतावास में वॉशिंगटन पोस्ट के पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या कर दी गई थी। इसके बाद दुनिया भर के मीडिया में यह कहा गया था कि इस हत्या का आदेश मोहम्मद बिन सलमान की ओर से दिया गया था। पहली बार इस मसले पर खुलकर बोलते हुए मोहम्मद बिन सलमान ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि मैंने ऐसा कोई आदेश नहीं दिया था। ऐसे गलत दावों ने मुझे हर्ट किया है। दिए इंटरव्यू में खशोगी ने कहा कि ऐसे आरोपों ने मेरी और सऊदी अरब की भावनाओं को आहत किया है। उन्होंने कहा कि हत्या के बाद जिस तरह का गुस्सा दिखा और खासतौर पर पत्रकारों में गुस्सा था, वह स्वाभाविक था। मैं उनकी भावनाओं का सम्मान करता हूं। लेकिन हमारी भी भावनाएं हैं और हमें भी दर्द होता है। बता दें कि मोहम्मद बिन सलमान को सऊदी अरब के सुधारवादी नेता के तौर पर जाना जाता है। मोहम्मद बिन सलमान ने कहा, 'मुझे लगता है कि मानवाधिकार के नियम हमारे लिए लागू नहीं होते हैं। मानवाधिकार घोषणापत्र के आर्टिकल 11 के मुताबिक कोई भी व्यक्ति निर्दोष होता है, जब तक कि वह दोषी न पाया जाए।' यही नहीं उन्होंने कहा कि कोई पत्रकार मेरे लिए इतना अहम नहीं है कि मैं उसकी हत्या करने का आदेश दूं। उन्होंने कहा कि यदि मुझे किसी को मारना भी हो तो मेरी टॉप 1,000 की लिस्ट में भी कोई पत्रकार नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जिस भी इस घटना को अंजाम दिया था, उसने गलती की थी। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह की हत्या हमारे लिए सबसे दुखद है क्योंकि ऐसा करना सऊदी अरब को लेकर हमारे सभी तरह की योजनाओं को बर्बाद करना होगा।