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 इमरान खान के संसद भंग कर आम चुनाव कराने के फैसले पर विपक्षी दल भड़के 

 इमरान खान के संसद भंग कर आम चुनाव कराने के फैसले पर विपक्षी दल भड़के 

इस्‍लामाबाद । पाकिस्‍तान में सियासी घमासान के बीच कार्यवाहक प्रधानमंत्री इमरान खान के देश में संसद को भंग करके आम चुनाव कराने के फैसले पर देश के विपक्षी दल भड़क उठे हैं और सुप्रीम कोर्ट से न्‍याय की मांग की है। पाकिस्‍तान की प्रमुख विपक्षी पार्टी पीएमएल एन के नेता शाहबाज शरीफ ने कहा क‍ि इमरान खान देश में नागरिक मार्शल लॉ लागू कर रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि इमरान खान का कदम संविधान विरोधी है। वहीं बिलावल भुट्टो ने कहा कि इमरान खान ने संविधान का गला घोंटा है और साजिश के तहत कानून को तोड़ा गया। बिलावल भुट्टो ने कहा, 'इमरान खान ने पाकिस्‍तान के साथ साजिश की है। इमरान खान ने डिप्‍टी स्‍पीकर के साथ मिलकर संव‍िधान को तोड़ा है। हमारा सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध है कि आपके फैसले मुल्‍क का इतिहास लिखा जाएगा। आप यह साबित करिए कि संविधान कागज का टुकड़ा नहीं है।' उन्‍होंने कहा कि इमरान खान की सत्‍ता खत्‍म होने से देश में जश्‍न का माहौल है। बिलावल ने कहा कि इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई के सदस्‍यों ने पाकिस्‍तान के संविधान को चुनौती दी है। पाकिस्‍तान के विपक्षी दलों का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब देश के सुप्रीम कोर्ट में इमरान खान के खिलाफ नेशनल असेंबली में लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज किए जाने और खान की सिफारिश पर सदन भंग करने को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दिए जाने के मामले पर सोमवार को सुनवाई होगी। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने देश में मौजूदा राजनीतिक हालात पर स्वत: संज्ञान लिया था। देश के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इमरान खान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली (एनए) को भंग कर दिया है।
इस बीच पाकिस्तान के पूर्व सूचना एवं प्रसारण मंत्री चौधरी फवाद हुसैन ने कहा है कि संघीय मंत्रिमंडल को भंग कर दिया गया है, लेकिन प्रधानमंत्री इमरान खान संविधान के अनुच्छेद 224 के तहत अपने कर्तव्यों को जारी रखेंगे। इससे पहले रविवार को, नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने प्रधानमंत्री के खिलाफ बहुप्रतीक्षित अविश्वास प्रस्ताव को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह संविधान के अनुच्छेद 5 के विपरीत है। बर्खास्तगी के कुछ ही मिनटों बाद एक टेलीविजन संबोधन में, खान ने घोषणा की कि उन्होंने राष्ट्रपति अल्वी को सभी असेंबली को भंग करने की सलाह दी थी, जिससे मध्यावधि चुनाव का मार्ग प्रशस्त हुआ। राष्ट्रपति ने प्रस्ताव पर ध्यान देते हुए नेशनल असेंबली को भंग कर दिया और सूत्रों के अनुसार 90 दिनों की अवधि के भीतर चुनाव होंगे। पाकिस्‍तानी सेना के प्रवक्‍ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने देश में राजनीतिक उठा पटक होने के कुछ घंटों की अवधि के बाद जियो न्यूज को कहा कि रविवार को जो हुआ, उससे पाकिस्तानी सेना का कोई लेना-देना नहीं है। राजनीतिक घटनाक्रम में सेना की सहमति के संबंध में एक सवाल का जवाब देते हुए, डीजी आईएसपीआर ने किसी भी तरह की संलिप्तता से साफ इनकार किया। डीजी आईएसपीआर की टिप्पणी राष्ट्रपति आरिफ अल्वी द्वारा प्रधानमंत्री इमरान खान की सलाह पर नेशनल असेंबली (एनए) को भंग करने की मंजूरी देने के बाद आई थी।
 

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