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ज्यादा प्रगति नहीं होने से राष्ट्रपति के रूप में बाइडेन  के दूसरे पृथ्वी दिवस पर लगता दिख रहा ग्रहण  

ज्यादा प्रगति नहीं होने से राष्ट्रपति के रूप में बाइडेन  के दूसरे पृथ्वी दिवस पर लगता दिख रहा ग्रहण  

वॉशिंगटन । अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन अपने पद की शपथ लेने के बाद ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन को घटाने के लिए अमेरिकी लक्ष्य को करीब-करीब दोगुना करने का ऐलान किया था जो जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में मुल्क को पहली कतार में खड़ा करता है। पर लगता है उनकी इस घोषणा पर ग्रहण लगने के आसार दिख रहे है। दरअसल, एक साल पहले जो बाइडेन ने राष्ट्रपति के तौर पर अपना पहला पृथ्वी दिवस ग्लोबल वार्मिंग पर एक ऑनलाइन शिखर सम्मेलन में विश्व नेताओं को जमा कर मनाया था जिसमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग भी शामिल हुए थे। मगर उसके बाद के महीनों में कई नाकामियां हाथ लगीं। बाइडेन के कई अहम प्रस्ताव संसद में अटक गए। हालांकि वैज्ञानिकों की इस तरह की चेतावनियां हैं कि दुनिया खतरनाक भविष्य की ओर बढ़ रही है जहां तेज़ गर्मी व सूखा पड़ेगा और तूफान आएंगे।
इसके अलावा, यूक्रेन की जंग ने भी जलवायु परिवर्तन की राजनीति में फेरबदल किए हैं। इस वजह से बाइडन ने राष्ट्र के रणनीतिक भंडार से तेल जारी किया है तथा जमीन से और गैस निकालने को इस उम्मीद से प्रोत्साहित किया है कि गैस की बढ़ती कीमतों को कम किया जा सके। बाइडेन वाहनों के लिए ईंधन अर्थव्यवस्था मानकों को बढ़ा रहे हैं और पिछले साल द्विदलीय बुनियादी ढांचे के कानून में हरित नीतियों को शामिल किया है, लेकिन ज्यादा प्रगति नहीं होने से राष्ट्रपति के रूप में उनके दूसरे पृथ्वी दिवस पर ग्रहण लगता दिख रहा है।
बाइडेन पृथ्वी दिवस के मौके पर शुक्रवार को सिएटल में होंगे जहां उनके साथ गवर्नर जे इंसली होंगे। वह डेमोक्रेटिक पार्टी से जुड़े हैं और जलवायु पर काम करने को लेकर उनकी राष्ट्रीय प्रतिष्ठा है। बाइडेन गुरुवार को पोर्टलैंड जाएंगे। यह प्रशांत उत्तर पश्चिम का ऐसा क्षेत्र है जो अक्सर पर्यावरणीय प्रयासों में सबसे आगे रहा है। प्रशासन के अधिकारी बाइडेन के ग्लोबल वार्मिंग के रिकॉर्ड का बचाव करते हुए दिखे। उनका कहना है कि और काम करने की जरूरत है। राष्ट्रपति के राष्ट्रीय जलवायु पर उप सलाहकार अली ज़ैदी ने कहा, दो चीज़ें एक वक्त पर सच हो सकती हैं। हम बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं, और अभी लंबा सफर तय करना है। उन्होंने माना कि कई विपरीत परिस्थितियां और चुनौतियां हैं। 
 

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