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 पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करने वाला प्रमुख देश बना चीन  -पाकिस्तान ने चीन से पांच साल में खरीदे 72 फीसदी हथियार

 पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करने वाला प्रमुख देश बना चीन  -पाकिस्तान ने चीन से पांच साल में खरीदे 72 फीसदी हथियार

इस्लामाबाद। चीन अब पाकिस्तान को हथियारों की आपूर्ति करने वाला प्रमुख देश बन गया है। हथियारों के हस्तांतरण और संघर्ष पर ध्यान देने वाले एक स्वतंत्र संस्थान के संकलित आंकड़ों में कहा गया है कि चीन ने 2017 और 2021 के बीच पाकिस्तान को बड़ी संख्या में लड़ाकू विमान, युद्धपोत, पनडुब्बियों और मिसाइलों की आपूर्ति की है। स्वीडन के स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) के नए आंकड़ों में कहा गया है कि 2017 और 2021 के बीच बीजिंग ने इस्लामाबाद की 72 प्रतिशत हथियारों की मांग को पूरा किया है। इस दौरान चीन द्वारा निर्यात किए गए प्रमुख हथियारों में से 47 फीसदी पाकिस्तान को भेजे गए।
  इससे पहले पाकिस्तान ने 2012-16 में चीन से अपने हथियारों का 67 फीसदी हिस्सा आयात किया था, यह आंकड़ा 2007-11 में 39 फीसदी था। सिपरी के विश्लेषण से यह भी सामने आया कि कई सौदों को संयुक्त कार्यक्रम का लेबल दिया गया है। सिपरी के ‘ट्रेंड्स इन इंटरनेशनल आर्म्स ट्रांसफर, 2021; के तहत संकलित डेटा के मुताबिक दोनों देशों के बीच शीर्ष हथियारों के सौदों में जेएफ-17 लड़ाकू विमानों की निरंतर आपूर्ति शामिल है। इसमें इस साल शुरू होने वाले ब्लॉक -3 संस्करण की डिलीवरी शामिल है। सिपरी के आर्म्स ट्रांसफर प्रोग्राम के एक वरिष्ठ शोधकर्ता सिमोन वेजमैन ने कहा कि जे-10 लड़ाकू विमानों के पहले बैच की डिलीवरी इस साल की शुरुआत में शुरू हुई थी, जो चीन द्वारा इस विमान का पहला निर्यात था। यह जेएफ-17 की तुलना में अधिक उन्नत है। वेजमैन ने कहा कि चीन केवल लड़ाकू विमानों की आपूर्ति नहीं कर रहा है, बल्कि लड़ाकू विमानों के साथ विभिन्न प्रकार के बम और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलें, साथ ही उन्नत लंबी दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइलों की भी आपूर्ति कर रहा है।
  वेजमैन ने कहा, ‘पिछले दो दशकों में हथियारों के लिए पाकिस्तान पूरी तरह से चीन पर निर्भर था। यह अब स्पष्ट हो गया है। हमारा आकलन है कि यह तस्वीर बदलने वाली नहीं है, क्योंकि अमेरिका ने पाकिस्तान को छोड़ दिया है और क्षेत्र में प्राथमिक भागीदार के रूप में भारत की ओर रुख किया है। चीन के बाद पाकिस्तान ने 2017-21 के बीच स्वीडन से (6.4फीसदी) और रूस (5.6 फीसदी) से अपने अधिकांश प्रमुख हथियार खरीदे, जबकि इस्लामाबाद के बाद चीन से बांग्लादेश ने (16 फीसदी) और थाईलैंड ने (5 फीसदी) हथियार खरीदे हैं। एक चीनी विशेषज्ञ ने कहा कि पाकिस्तान को किसी भी देश से हथियार खरीदने का अधिकार है। चेंगदू इंस्टीट्यूट ऑफ वर्ल्ड अफेयर्स के प्रमुख लॉन्ग जिंगचुन ने कहा, ‘एक संप्रभु देश के रूप में पाकिस्तान चीन या अमेरिका सहित किसी भी अन्य देश से हथियार खरीद सकता है। इसी तरह भारत, रूस, अमेरिका या फ्रांस किसी से भी हथियार खरीद सकता है।
  पूर्व सैन्य अभियान महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल विनोद भाटिया (सेवानिवृत्त) ने कहा कि चीनी सैन्य हार्डवेयर पर पाकिस्तान पूरी तरह से निर्भर है और यह निर्भरता पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ी है। भाटिया ने कहा, ‘चीनी हथियारों और प्रणालियों पर पाकिस्तान की निर्भरता ऐसी है कि वह चीन का ग्राहक बन गया है। चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) इस प्रभाव का लाभ उठाती है और पाकिस्तानी सेना पर अप्रत्यक्ष नियंत्रण रखती है।’
 

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