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किशोर बच्चों में तेजी से बढ रही मोटापे की समस्या  -फिजिकल एक्टिविटी होती है नहीं के बराबर 

किशोर बच्चों में तेजी से बढ रही मोटापे की समस्या  -फिजिकल एक्टिविटी होती है नहीं के बराबर 

नई दिल्ली । आज किशोर बच्चों में मोटापे की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसकी वजह है लगातार बैठकर टीवी, मोबाइल देखते रहना, अनहेल्दी ईटिंग हैबिट्स जैसे चिप्स, तेल मसालेदार वाली चीजों का अधिक सेवन करना। सप्ताह में दो से तीन बार पिज्जा, बर्गर, प्रॉसेस्ड फूड आदि खाना। पहले जहां बच्चे आउटडोर गेम खेला करते थे, आज वो मोबाइल में गेम खेलने में सिमट कर रह गए हैं।ऐसे में फिजिकल एक्टिविटी न के बराबर होती है।ऊपर से दो सालों से कोरोना महामारी के कारण स्कूल बंद होने से बच्चे घर में पढ़ाई करते रहे, यह भी वजन बढ़ने का एक कारण हो सकता है।ऐसे में वजन बढ़ना लाजिमी है।
शरीर का वजन अगर सही रहे तो आप हाई ब्लड प्रेशर, टाइप-2 डायबिटीज, हार्ट डिजीज जैसी बीमारियों के होने की संभावना काफी कम हो जाती है।साथ ही जब कोई टीनएजर बच्चा शारीरिक रूप से स्मार्ट और फिट रहता है, तो उसके अंदर आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान भी आता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, अपने किशोर बच्चे वजन घटाने के लिए सबसे पहले उनके वजन और उनके बॉडी मास इंडेक्स की जांच करें। बीएमआई मीटर वर्ग (किलो/ एम 2) में ऊंचाई के साथ किलोग्राम में वजन को विभाजित करके प्राप्त की गई संख्या है।बीएमआई के जरिए शरीर में वसा और संपूर्ण स्वास्थ्य के बारे में एक अनुमान के तौर पर जानकारी मिल जाती है।बीएमआई के जरिए आप जान सकते हैं कि आपके बच्चे का वजन ज्यादा है या फिर वो मोटापे का शिकार है।किशोर बच्चे का वजन बहुत अधिक है, तो इसे हेल्दी खानपान और एक्सरसाइज के जरिए घटाने की कोशिश करें।वजन एक बार में ही नहीं, बल्कि धीरे-धीरे कम होता है।यदि बच्चा ओवरवेट या ओबेसिटी का शिकार है, तो एक्सपर्ट से जरूर मिलें।वजन कम करने के लिए हेल्दी तरीके अपनाएं।पूरी तरह से खाना छोड़ देना बच्चों की सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।हर दिन का कैलोरी इनटेक प्लान करें।उम्र, लंबाई, वजन और संपूर्ण स्वास्थ्य पर एक किशोर बच्चे की कैलोरी इनटेक की मात्रा निर्भर करती है।स्मार्ट तरीके से खानपान करना जरूरी है।
आप कम खाएं, लेकिन ऐसा खाएं जिसमें सभी पोषक तत्व मौजदू हों।वजन कम करने के लिए खाना छोड़ देंगे तो बीमार पड़ सकते हैं।किशोरों को प्रतिदिन तीन टाइम का मुख्य भोजन और एक बार स्नैक्स जरूर लेना चाहिए।इसमें लीन प्रोटीन, हेल्दी फैट्स, डायटरी फाइबर अधिक शामिल हों।साबुत अनाज, फल, सब्जियां, ऑयली फिश, अंडा, लो-फैट डेयरी, बींस, फलियां, नट्स, बीज आदि शामिल हों।साथ ही पोषक तत्व जैसे आयरन, कैल्शियम, विटामिन डी, विटामिन बी12 किशोर बच्चों की डाइट में जरूर शामिल हो, ताकि उनका प्रॉपर शारीरिक विकास हो।जंक फूड्स जैसे पिज्जा, बर्गर, चाइनीज फूड्स, अधिक तेल-मसाला, पैक्ड फूड्स, स्नैक्स में चिप्स, फ्रेंच फ्राइज, कैंडी बार्स आदि बच्चे बहुत खाना चाहते हैं, इनका इनटेक कम कराएं।इन अनहेल्दी स्नैक्स की बजाय साबुज अनाज से बने बार्स, लो-फैट ग्रीक योगर्ट, फ्रूट सलाद, सीड्स आदि खिलाएं।ये कैलोरी युक्त नहीं होते, जिससे पेट भरने के साथ ही वजन भी कंट्रोल में रहेगा।एक समय में बच्चा कितनी मात्रा में कोई भी चीज खा रहा है, उस पर ध्यान देना भी जरूरी है।बहुत अधिक मीठे पेय पदार्थ जैसे चाय, कॉफी, पैक्ड जूस, एनर्जी ड्रिंक्स बच्चे की डाइट में शामिल ना करें, इनमें कैलोरी अधिक होता है, जो वजन बढ़ने का कारण बनते हैं। इस तरह के मीठे पेय पदार्थों से टाइप-2 डायबिटीज, एक्ने होने की समस्या भी बढ़ सकती है।
बच्चे जितने एक्टिव रहेंगे, उतना ही उनकी सेहत के लिए अच्छा होगा।सारा दिन उन्हें बैठे ना रहने दें।मोबाइल पर खेलने की बजाय बाहर खेलने जाने दें।फिजिकली एक्टिव रहने के लिए उन्हें 30 मिनट एक्सरसाइज करने के लिए भी कहें। मालूम हो कि आजकल ओबेसिटी यानी मोटापे का शिकार बड़े ही नहीं, बल्कि टीनएजर बच्चे भी हो रहे हैं।मोटापा एक जटिल स्वास्थ्य समस्या है, जो ना सिर्फ किसी व्यक्ति के ओवरऑल लुक को बिगाड़ता है, बल्कि कई शारीरिक समस्याएं भी देता है।
 

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