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रुसी विदेश मंत्री ने कहा, विजय दिवस के बाद भी यूक्रेन पर जारी रहेंगे हमले 

रुसी विदेश मंत्री ने कहा, विजय दिवस के बाद भी यूक्रेन पर जारी रहेंगे हमले 


मॉस्को । रूस-यूक्रेन युद्ध 68वें दिन में पहुंच चुका है। जंग रोकने के लिए अब भी कई तरह की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन रूस ने इन बातों पर विराम लगा दिया है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने चेतावनी देकर कहा है कि हम विजय दिवस को देखकर यूक्रेन में सैन्य कार्रवाई में कोई बदलाव नहीं करने वाले है। हमारी सेना हमले जारी रखेगी। रूस का यह बयान तब आया है, जब नाटो के पूर्व प्रमुख रिचर्ड शेरिफ ने यूक्रेन में रूस के साथ सबसे खराब स्थिति में युद्ध के लिए पश्चिम को खुद को तैयार करने की चेतावनी दी। 
इस बीच ब्रिटेन के रक्षा सचिव बेन वालेस ने भी इसकी जानकारी दी है कि पुतिन 9 मई को रूस के विजय दिवस परेड का इस्तेमाल करके यूक्रेन के खिलाफ फाइनल लड़ाई में अपने भंडार को बढ़ाने की घोषणा करने के लिए कर सकते हैं। चर्चा है कि रूस 9 मई को यूक्रेन के साथ चल रहे इस युद्ध के खत्म होने का ऐलान कर सकता है। दरअसल रूस 67 दिन बाद भी यूक्रेन पर जीत दर्ज नहीं कर सका है। उसके अधिकतर शहर अब भी उसके कब्जे से दूर हैं। 24 फरवरी को जब रूस ने यूक्रेन पर हमला किया था, तब दावा किया था कि 5-6 दिन में वह यूक्रेन को हरा देगा, लेकिन यूक्रेन ने उम्मीद से परे मुकाबला किया है और अब तक यूक्रेनी सैनिक युद्ध में डटे हुए हैं। रूस को युद्ध में काफी नुकसान हो रहा है। दूसरी तरफ पुतिन भी इस युद्ध को लेकर लगातार घिरते जा रहे हैं। इसके बाद रूस अब इस युद्ध को खत्म करने की सोच सकता है। 
लावरोव से पूछा कि क्या रूस, यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की को आत्मसमर्पण करवाना चाहता है? इस सवाल का जवाब देकर लावरोव ने कहा कि मॉस्को आत्मसमर्पण की मांग नहीं कर रहा है, लेकिन मांग करता है कि वह पूर्वी यूक्रेन में कैद में रह रहे सभी नागरिकों को रिहा करे और प्रतिरोध को रोकने का आदेश दे। लावरोव ने जोर देकर कहा कि रूस पूर्वी यूक्रेन में सभी लोगों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करना चाहता है, ताकि उन्हें इस देश के सैन्यीकरण या नाजीकरण से कोई खतरा न हो और यूक्रेन के क्षेत्र से रूसी संघ की सुरक्षा के लिए कोई खतरा न हो। 
रूस के साथ जारी तनाव के बीच नाटो के 20 देश एक साथ दो-दो युद्धाभ्यास कर रहे हैं। यह अभ्यास पोलैंड सहित यूरोप के आठ देशों में आयोजित किए जा रहे हैं। इसमें सैकड़ों की संख्या में टैंक-तोप, मिसाइलें, युद्धपोत और लड़ाकू विमानों के अलावा 18000 सैनिक हिस्सा ले रहे हैं। यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के बाद नाटो ने अपने सभी कमांड को हाई अलर्ट पर रखा हुआ है और लगातार सैन्य गतिविधियों को बढ़ा रहा है।इस बीच फिनलैंड और स्वीडन ने भी ऐलान किया है कि वे जल्द ही नाटो की सदस्यता ले सकते हैं।
 

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