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रुस के बाद अमेरिका का महाविनाश प्लेन आसमान में उड़ता दिखाई दिया 

रुस के बाद अमेरिका का महाविनाश प्लेन आसमान में उड़ता दिखाई दिया 

वॉशिंगटन । यूक्रेन में चल रहे भीषण युद्ध के बीच रूस के महाविनाश के प्‍लेन को उड़ाने के बाद अब अमेरिका का भी परमाणु तबाही मचाने वाला प्‍लेन अलर्ट मोड पर आ गया है। अमेरिका के महाविनाश के प्‍लेन को एक्शन के लिए तैयार हालत में देखा गया है। इससे पहले रूस ने अपने महाविनाश के प्‍लेन को मास्‍को के आकाश में उड़ाया था। अमेरिका का ई-4बी नाइटवॉच प्‍लेन युद्ध के सूरत में हवा में कमांड सेंटर के रूप में काम करता है। इसके जरिए अमेरिकी राष्‍ट्रपति दुनिया में कहीं भी परमाणु हमला करने का आदेश दे सकते हैं। ई-4 बी नाइटवॉच प्‍लेन को दक्षिणी कैलिफोर्निया में तेल भरते देखा गया है। अमेरिका के 418वीं फ्लाइट टेस्‍ट स्‍क्‍वाड्रन के टेस्‍ट पायलट और कर्मचारी एडवर्ड एयरफोर्स बेस कैलिफोर्निया में तेल भरते हुए देखा गया है। बोइंग कंपनी का ई-4 एडवांस्‍ड एयरबॉर्न कमांड पोस्‍ट रणनीतिक कमांड और कंट्रोल मिलिट्री एयरक्राफ्ट है, जिसका संचालन अमेरिकी वायुसेना करती है। इससे पहले रूस इल्‍यूशिन आईएल-80 विमान बहुत निचली उड़ान भरते देखा गया था। रूस का यह विमान उस समय पर हवा में देखा गया है जब यूक्रेन युद्ध को लेकर परमाणु हमले का खतरा मंडरा रहा है।
रूसी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है, कि आईएल-80 विमान को रूस के विक्‍ट्री डे पर प्रदर्शित किया जाएगा। इस रूसी विमान का वीडियो अभ्‍यास का बताया जा रहा है। पिछले सप्‍ताह अमेरिकी महाविनाश का प्‍लेन ब्रिटेन के आकाश में दिखाई दिया था। यह अमेरिकी सेना का कमांड सेंटर है, और परमाणु हमला होने की सूरत में राष्‍ट्रपति, रक्षामंत्री और सेना प्रमुख इसमें सवार होकर अमेरिकी परमाणु हथियारों को नियंत्रित कर सकते हैं। इसमें अत्‍याधुनिक संचार उपकरण लगे हैं जिसके जरिए सीधे अमेरिकी सेना से संपर्क किया जा सकता है।
यही नहीं अमेरिकी महाविनाश के प्‍लेन ई-4बी को इलेक्‍ट्रोमैग्‍नेटिक किरणों के प्रभाव से भी सुरक्षा हासिल है। इसमें कई तरह के इलेक्‍ट्रानिक और अन्‍य संचार उपकरण लगाए गए हैं। इसे उपग्रह से सीधे जोड़ा गया है, ताकि दुनिया में किसी भी नेता से अमेरिकी राष्‍ट्रपति हवा में रहते हुए भी सीधे बातचीत कर सकें। इसमें एक भी खिड़की नहीं होती है ताकि परमाणु हमले का असर न पड़े। रूस का विमान भी कुछ इसी तरह की ताकत से लैस है और परमाणु हमले की स्थिति में पुतिन को सुरक्षा मुहैया कराता है। 
 

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