
नई दिल्ली । शहीद दीपक सिंह की पत्नी रेखा सिंह ने अपने पति का सपना पूरा करते हुए सेना में लेफ्टिनेंट बनने का गौरव हासिल किया है। 28 मई से चेन्नई में उनका प्रशिक्षण शुरू होगा। उन्होंने कहा कि वह अपने पति का सपना पूरा करने और बहनों को सही राह दिखाने सेना में आई है। रेखा को प्रथम प्रयास में सफलता नहीं मिली थी, लेकिन वह हताश नहीं हुई और दूसरे प्रयास में उनका चयन भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट के पद पर हो गया। 28 मई से वह चेन्नई में प्रशिक्षण लेंगी, जिसके बाद वह सेना में अपनी सेवाएं देंगी। शादी से पहले रेखा सिंह जवाहर नवोदय विद्यालय सिरमौर में शिक्षिका के रूप में कार्य कर रही थीं। उच्च शिक्षित रेखा के मन में शिक्षक बनकर समाज की सेवा करने के सपने थे। शादी के बाद उनके पति ने दीपक सिंह ने उन्हें सेना में अधिकारी बनने के लिए प्रेरित किया। रेखा ने अपने पति के शहीद होने के बाद उनके सपने को पूरा करने का संकल्प लिया और इसमें उनके ससुरालवालों ने भी उनका सहयोग किया। रेखा सिंह को उनके पति के शहीद होने के बाद मध्य प्रदेश शासन की तरफ से शिक्षाकर्मी वर्ग दो में नियुक्ति भी दी गई। इस बीच रेखा सिंह के मन में लगातार सेना में जाने की इच्छा होती रही क्योंकि उन्हें अपने पति का सपना पूरा करना था। इसके लिए उन्होंने जिला सैनिक कल्याण संघ के ऑफिस में जाकर चर्चा की। जिसके बाद उन्हें जिला प्रशासन और सैनिक कल्याण संघ से उचित मार्गदर्शन और सहयोग मिला। उसके बाद उन्होंने अपनी तैयारी शुरू की और नोएडा में जाकर सेना में भर्ती होने के लिए प्रवेश परीक्षा का प्रशिक्षण लिया। पहली बार में उन्हें सफलता नहीं मिली लेकिन दूसरे प्रयास में वह सफलता हासिल करते हुए लेफ्टिनेंट बन गई। आपको बता दें कि शहीद दीपक सिंह का जन्म 15 जुलाई 1989 को रीवा के फरेदा गांव में हुआ था। दीपक 2012 में भारतीय सेना के बिहार रेजिमेंट में बतौर नर्सिंग असिस्टेंट चिकित्सा कोर में भर्ती हुए थे। शहीद दीपक सिंह 15 जून 2020 में लद्दाख की गलवान घाटी में अचानक हुए चीनी हमलों का मुकाबला करते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे। शहीद नायक दीपक सिंह नर्सिंग सहायक की ड्यूटी कर रहे थे। हिंसक झड़प के दौरान उन्हें भी काफी चोटें आई थीं, फिर भी उन्होंने 30 सैनिकों की जान बचाई थी।