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वायु प्रदूषण से भी बढ़ता है फ्रैक्चर का खतरा 

वायु प्रदूषण से भी बढ़ता है फ्रैक्चर का खतरा 

वायु प्रदूषण से फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है। इससे साफ है कि ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित मरीजों के लिए वायु प्रदूषण और घातक साबित हो सकता है। अध्ययनों में सामने आया है कि हवा में मौजूद छोटे-छोटे कण (पीएम 2.5) से हड्डी के घनत्व में बदलाव आया। रिसर्च के अनुसार, सिगरेट के धुएं में मौजूद जहरीले पदार्थ की तरह वायु प्रदूषण सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव पैदा कर सकता है, जिससे हड्डी को नुकसान हो सकता है। इस बात को सामने लाने के लिए शोधकर्ता ने दो स्टडी की। पहले उन्होंने ऑस्टियोपोरोसिस से होने वाले फ्रैक्चर के कारण अस्पताल में भर्ती हुए लोगों का आंकड़ा इकट्ठा किया। इन मरीजों की उम्र 60 से ऊपर थी। निष्कर्ष में सामने आया कि वायुमंडल के महीन कण हड्डियों को नुकसान पहुंचाते हुए बुजुर्गों में फ्रैक्चर की संभावना बढ़ा देते हैं।
दूसरे अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने बोस्टन क्षेत्र में कम-आय की पृष्ठभूमि वाले 692 पुरुषों पर सर्वे किया। इन प्रतिभागियों की औसत आयु 47 थी। उन्होंने पाया कि मोटर के उत्सर्जन के प्रदूषक कणों और काले कार्बन के उच्च स्तर वाले क्षेत्रों में रहने वाले वयस्कों में पैराथाइरॉइड हार्मोन का स्तर काफी कम है। जो एक महत्वपूर्ण कैल्शियम और हड्डी से संबंधित हार्मोन है। इनका अभाव हड्डी को कमजोर बना देता है। शोधकर्ताओं ने ये भी पाया कि जो पुरुष इन प्रदूषकों के कम संपर्क में आए हैं। उनकी हड्डियों के घनत्व को कम नुकसान हुआ है और उन्हें फ्रैक्चर की समस्या भी कम हुई है।
शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला की सिगरेट के धुंए और व्यायाम की कमी के साथ ही फ्रेक्चर होने का एक बड़ा कारण वायु प्रदूषण भी है।
 

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