दुनिया के सबसे प्रतिष्ठित फिल्म समारोहों में से एक कान्स फिल्म फेस्टिवल के 75 वें संस्करण में भारत की मौजूदगी बहुत खास है। भारत को इस बार वहां कंट्री ऑफ ऑनर का दर्जा मिला है। वहां भारत के सिनेमा, संस्कृति और इसकी विरासत पर प्रकाश डाला जाएगा। वहीं खास बात है कि जूरी में भारत की तरफ से भी भागीदारी है। दीपिका पादुकोण बोलीं हर जॉनर की फिल्म के लिए सेंसिबिलिटीज अलग होती हैं। कुछ फिल्ममेकर मास के लिए फिल्में बनाना चाहते हैं। कई वर्ल्डओवर की ऑडिएंस के लिए फिल्में बनाना चाहते हैं। यह मेरे ख्याल से बड़ी पर्सनल चॉइस है। बाकी जिन फेस्टिवलों और अवॉर्ड फंक्शंस के नाम आपने लिए, उनके लिए बेशक हमारे फिल्ममेकर फिल्में बना सकते हैं। यह उन पर डिपेंड करता है कि वो ग्लोबल ऑडिएंस को दिखाना चाहते हैं या इंडिया की ऑडियंस को। वरना इंडिया में टेलेंट कम नहीं है। दूसरी चीज यह भी है कि इंडिया ही इतना बड़ा है और इतने सारे लैंग्वेज और कल्चर हैं कि इंडिया के अंदर ही हम तरह-तरह की फिल्में बना ही रहे हैं।
एंटरटेनमेंट बॉलीवुड
(रंग संसार) दीपिका पादुकोण बोलीं- इंडिया में टैलेंट की कमी नहीं है