YUV News Logo
YuvNews
Open in the YuvNews app
OPEN

फ़्लैश न्यूज़

नेशन

 केंद्र सरकार ने एडटेक कंपनियों को अनुचित व्यापार तरीकों के खिलाफ चेतावनी दी  - केंद्र ने एडटेक कंपनियों से कहा, अनुचित बिजनेस प्रैक्टिस बंद करें वरना कड़े निर्देशों के लिए तैयार रहें

 केंद्र सरकार ने एडटेक कंपनियों को अनुचित व्यापार तरीकों के खिलाफ चेतावनी दी  - केंद्र ने एडटेक कंपनियों से कहा, अनुचित बिजनेस प्रैक्टिस बंद करें वरना कड़े निर्देशों के लिए तैयार रहें

नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने एडटेक कंपनियों को अनुचित व्यापार तरीकों के खिलाफ चेतावनी दी है। उपभोक्ता मामलों के विभाग के सचिव रोहित कुमार सिंह ने हाल ही में इंटरनेट और मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) के तहत आने वाले इंडिया एडटेक कंसोर्टियम (आईईसी) के साथ बैठक में कहा कि यदि एडटेक कंपनियां अनुचित व्यापार प्रथाओं पर अंकुश नहीं लगाती हैं तो पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। बैठक में आईएएमएआई के प्रतिनिधि, आईईसी की सदस्य कंपनियां, अपग्रेड, बायजूस, अनएकेडमी, वेदांतु, ग्रेट लर्निंग, व्हाइटहैट जूनियर और सनस्टोन शामिल रहीं। इस दौरान भारत के एड-टेक इकोसिस्टम में उपभोक्ता के हितों को बेहतर ढंग से प्रबंधित करने के तरीकों पर चर्चा की गई। सचिव ने कहा कि वेबसाइट्स पर फर्जी समीक्षाएं चिंता का विषय बनी हुई हैं। इसे नियंत्रित करने की जरूरत है। कुछ विज्ञापन दिशा-निर्देशों और मौजूदा नियमों के अनुरूप नहीं हैं। इसलिए, उपभोक्ताओं के हितों के अनुरूप मजबूत चैकप्वाइंट को बनाए रखने के लिए मिलकर काम करना अनिवार्य है। 
उन्होंने कहा कि एएससीआई की अभी हाल की रिपोर्ट से पता चला है कि शिक्षा श्रेणी 2021-22 में विज्ञापन कोड का सबसे बड़ा उल्लंघनकर्ता है। आईईसी में भारतीय स्टार्ट-अप शामिल हैं और यह 95 फीसदी भारतीय लर्नर कम्युनिटी का प्रतिनिधित्व करता है। सचिव ने आईईसी को एडटेक इकोसिस्टम में सकारात्मक प्रयासों को जारी रखने और इस संबंध में एसओपी बनाने के लिए संबंधित हितधारकों के साथ एक संयुक्त कार्य समूह बनाने की सलाह दी। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के अनुसार, टेलीविजन, रेडियो, या किसी अन्य इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, समाचार पत्रों, बैनर, पोस्टर, हैंडबिल, दीवार-लेखन आदि के माध्यम से कोई भी विज्ञापन या प्रचार माल, सेवाओं की प्रकृति, विशेषताओं या गुणों के बारे में उपभोक्ता को गुमराह करता है तो वह मोटे तौर पर एक भ्रामक विज्ञापन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।  पिछले ही महीने सरकार ने भ्रामक विज्ञापनों पर लगाम लगाने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए थे। ‎जिसमें उन विज्ञापनों पर भी लगाम कसी गई है जो उपभोक्ताओं को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए मुफ्त ऑफर देते हैं।
 

Related Posts