
लोकसभा में इन दिनों ऑल इंडिया एमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी और केंद्रीय मंत्री अमित शाह चर्चाओं में बने हुए हैं। ओवैसी हर विधेयक पर सरकार के साथ उलझ रहे हैं। जिस समय ओवैसी सरकार के खिलाफ बोलते हैं, उस समय केंद्रीय मंत्री अमित शाह सदन में मौजूद रहते हैं और कई बार ओवैसी का जवाब अमित शाह ही देते हैं। राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए के अधिकार बढ़ाने वाले विधेयक और गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून में संशोधन बिल पर संसद के अंदर ऐसा ही नजारा देखने को मिला।
ओवैसी के कारण कांग्रेस को बिल का समर्थन करना पड़ा। जिसके कारण यह बात चर्चाओं में आ गई, कि भाजपा और अमित शाह के साथ असदुद्दीन ओवैसी की सांठगांठ बड़ी पक्की है। विरोध करके सरकार का रास्ता आसान बनाने में औबैसी भाजपा के सहयोगी बनकर काम करते है।
इसे कहते हैं भाजपा
राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के ऊपर एक किताब अंग्रेजी में लिखी हैं। अंग्रेजी के प्रकाशक रूपा ने इस किताब का प्रकाशन किया है। चंद्रशेखर द लास्ट आईकॉन आप आईडियोलॉजिकल पॉलिटिक्स नाम की इस किताब को अंग्रेजी में लिखा गया है। इसका विमोचन संसद भवन के बाल योगी ऑडिटोरियम में हुआ। विमोचन के इस अवसर पर सभी वक्ताओं ने हिंदी में अपने भाषण दिए। कार्यक्रम का संचालन भी हिंदी में किया गया। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने भी हिंदी में भाषण दिया।
पहली बार किसी अंग्रेजी की किताब के विमोचन अवसर पर सारा कार्यक्रम हिंदी भाषा में हुआ। इसके विपरीत हिंदी और अन्य भारतीय भाषाओं की किताबों का दिल्ली में जब विमोचन होता है, तो वक्ता और आयोजक अंग्रेजी में भाषण पेलते हैं। लेकिन भाजपा तो भाजपा है। किताब भले अंग्रेजी की हो, भाषण तो सभी के हिंदी में हुए।
अंग्रेजों के जमाने की कानून को बदले सरकार
लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने एक बिल की चर्चा के दौरान कहा, कि सरकार ब्रिटिश काल के कानूनों को बदलने का प्रयास करे। सरकार में रहते हुए, कोई भी राजनीतिक दल ब्रिटिश शासन काल में बनाए गए, कानूनों को बदलने की स्थान पर अंग्रेजो की सीख लेकर उसी तर्ज पर गुलामी थोपने वाले कानून बनाता है। किंतु जब राजनीतिक दल सत्ता से बाहर हो जाता है, तो उसे अंग्रेजों के जमाने के बनाए, कानूनों को बदलने की याद आती है। लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने ही दल की सरकार से कहा है कि वह ब्रिटिश काल के कानूनों को बदलने का प्रयास करे। इसका दर्द उन्हें भी है, यह स्पष्ट रूप से दिख रहा है। किंतु जिस तरह से भाजपा को ब्रिटिश शासन काल में बनाए गए। कानून सत्ता को बनाए रखने में मदद कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में अंग्रेजों के जमाने की कानून बदलेंगे, यह सोचना भी व्यर्थ है। हाल ही में जो कानून बन रहे हैं, या संशोधन हो रहे हैं। उसमें सरकार के पास ही असीमित अधिकार होते चले जा रहे हैं। कथनी और करनी में यही एक फर्क होता है।
धजी को सांप बनाना भाजपा से सीखें
सांसद आजम खान ने लोकसभा में अपनी बात की शुरुआत करने के साथ ही एक शेर पढ़ा। इस शेर में तू इधर उधर की बात ना कर, और उसकी शेष लाइनें कहते ही इस पर भारी हंगामा शुरू हो गया। भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि यह महिला का अपमान है। भाजपा की सांसद रमा देवी उस समय स्पीकर की कुर्सी पर बैठी थी। वह भी उत्तर प्रदेश की हैं। आजम ने आसंदी की ओर इशारा करते हुए, यह शेर पढ़ा था। भाजपा जैसे मौके की तलाश पर थी। उसने महिला का अपमान कहकर सदन की कार्यवाही की दिशा ही बदल दी। दूसरे दिन हुई, इस मुद्दे की बहस में सारी महिला सांसद एवं संसद के सभी सदस्य महिलाओं के सम्मान को लेकर आजम खान पर पिल पड़े। अध्यक्ष के निर्देश पर सोमवार को उन्हें माफी मांगने होगी। अन्यथा उनकी सदस्यता कुछ समय के लिए अथवा शेष कार्यकाल के लिए समाप्त हो सकती है। विपक्षी सदस्य इस मुद्दे पर आजम खान के खिलाफ बोलने के लिए विवश हुए। क्योंकि यह महिलाओं से जुड़ा हुआ मामला था। किंतु संसद परिसर में यह भी चर्चा हो रही थी, कि धज्जी जी से सांप बनाना कोई भाजपा से सीखे। विपक्ष की हालत इस समय ऐसी है, कि सांप भी धजी बन जाता है।