
PM मोदी का बच्चों को डिजीटल शिक्षा देने का सपना गुजरात की कई स्कूलो में साकार नहीं हो रहा| राज्य की 3 हजार से अधिक स्कूलों में कम्प्यूटर व सायंस लेब नहीं है|
गुजरात विधानसभा बजट सत्र के दौरान शिक्षा मंत्री ने कबुल किया कि सर्व शिक्षा अभियान अंतर्गत राज्य की 3 हजार से अधिक स्कूलों में डिजीटल शिक्षा का अभाव है| सर्वशिक्षा अभियान अंतर्गत सितंबर 2018 की स्थिति पर गुजरात के एक भी जिले में सरकारी प्राथमिक स्कूल में सायंस लेब की अलग से कोई व्यवस्था नहीं है| राज्य में 32 हजार से अधिक सरकारी स्कूलें हैं जिसमें से 3 हजार से अधिक स्कूलों में कम्प्युटर लेब व सायंस प्रयोगशाला की सुविधा नहीं है| गुजरात स्मार्ट क्लास की चर्चा के बीच राज्य में सरकारी प्राथमिक शिक्षा की हालत दयनीय है| गुजरात के कच्छ में सबसे अधिक 739, दाहोद की 387, द्वारका की 292, बनासकांठा की 151, जामनगर की 124, अहमदाबाद की 46, अहमदाबाद मनपा संचालित 98, अमरेली की 73, महेसाना की 81, नर्मदा की 75, पाटन की 75, राजकोट की 94, सुरत मनपा संचालित 74, वलसाड की 72 और वडोदरा की 68 स्कूलों में कम्प्यूटर और सायंस लेब की कोई सुविधा नहीं है| विद्यार्थीओं की पर्याप्त संख्या नहीं होने पर सरकार ने 5 वर्ष में 181 प्राथमिक स्कूलों को बंद कर दिया गया है| सबसे अधिक खेड़ा जिले में 24 स्कूलों में ताले लगा दिए गए|