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जेपी में अगस्त से शुरु होगा क्रास मदर मिल्क बैंक नवजात शिशुओं को पिलाने के आएगा काम

जेपी में अगस्त से शुरु होगा क्रास मदर मिल्क बैंक नवजात शिशुओं को पिलाने के आएगा काम

अगस्त महीने के प्रथम सप्ताह में राजधानी के जेपी अस्पताल में क्रास मदर मिल्क बैंक शुरू किया जा रहा है। इससे जिन मांओं के नवजात शिशुओं की बगैर दूध के मौत हो जाती है, उसमें कमी आएगी। प्रदेश में करीब 70 फीसदी बच्चों को जन्म के पहले घंटे में मां का दूध नहीं मिल पाता। वजह, मां को दूध नहीं निकलता या बच्चा दूध पीने की स्थिति में नहीं होता। बहरहाल अब ऐसे बच्चों को भी मां को दूध मिल सकेगा। दुनिया भर में अगस्त के पहले हफ्ते में विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है। इसी के चलते पहले हफ्ते में क्रास मदर मिल्क बैंक शुरू करने का निर्णय लिया गया। है। ज्यादा से ज्यादा माताएं मिल्क बैंक में आकर दूध दान कर सकें, इसके लिए कुछ काउंसलर तैनात किए जाएंगे। वह विभिन्न अस्पतालों में जाकर प्रसूताओं से संपर्क करेंगी। उन्हें दूध दान करने की अहमियत बताएंगी। शहर भर की ऐसी माताओं की सूची तैयार की जाएगी। इस मिल्क बैंक से पहले तो जेपी अस्पताल में भर्ती होने वाले बच्चों को दूध दिया जाएगा। इसके बाद बचत हुई तो सुल्तानिया अस्पताल में पैदा होने वाले नवजातों को दिया जाएगा। ज्यादा दूध इकट्ठा होने पर निजी अस्पतालों पैदा हुए बच्चों को भी दिया जाएगा।
     जेपी अस्पताल के एसएनसीयू में भर्ती बच्चों में करीब 30 फीसदी को किसी न किसी वजह से मां का दूध नहीं मिल पाता। उन्हें मिल्क बैंक दूध दिया जा सकेगा। कई नवजातों की मां को दूध नहीं आता। बच्चा कम वजन या कमजोर होने के कारण भी दूध नहीं पी पाता। कई बार लावारिस नवजात मिलते हैं, जिन्हें शिशु गहन चिकित्सा ईकाई में भर्ती किया जाता है। सीजर डिलीवरी के दौरान माताओं को कई बार ऐसी दवाएं दी जाती हैं, जिसमें दूध पिलाने से बच्चे पर असर पड़ेगा। मिल्क बैंक की प्रभारी डॉ. शोभा खोत ने बताया कि पहले इस बात की स्क्रीनिंग की जाएगी कि दूध दान करने वाली महिलाओं को एचआईवी, हेपेटाइटिस बी, सी या अन्य कोई बीमारी तो नहीं है। दूध को फ्रीजर में रखने के पहले एक बार कल्चर टेस्ट कराया जाएगा कि उसमें कोई बैक्टीरिया तो नहीं है। किसी बच्चे को दूध देने के पहले भी बैक्टीरिया की मौजूदगी पता करने के लिए कल्चर टेस्ट किया जाएगा।जेपी अस्पताल के अलावा इंदौर के सरकारी मेडिकल कॉलेज में भी क्रास मदर मिल्क बैंक बनाया जा रहा है। दोनों जगह माइनस 20 डिग्री तापमान पर तीन महीने तक दूध को सुरक्षित रखा जा सकेगा। 

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