
गरीबी-अमीरी, पीड़ाएँ ये तो आते-जाते रहते हैं। जब हम किसी नेता या अधिकारी के पास जाते हैं तो हमारा भाव उससे प्रभावित होने का रहता है जबकि ऐसा नहीं होना चाहिए क्योंकि आप तो पत्रकार हैं, लोकतंत्र का चौथा स्तंभ हैं। आपकी जो साधना है ये समाज के संस्कार देश और देश की धारा बदल बदलने के लिए आपको अपनी कलम की शक्ति को पहचानना होगा तभी देश की प्रगति सुनिश्चित होगी। उक्त विचार सुभाष जैन अध्यक्ष हमलोक संस्था, रतलाम ने रतलाम प्रेस क्लब भवन में आयोजित श्रमजीवी पत्रकार संघ एवं मालवा श्रमजीवी पत्रकार संघ द्वारा पत्रकारिता एवं समाजसेवी सम्मान २०१९ के अवसर पर व्यक्त किए। इस अवसर पर मालवा श्रमजीवी पत्रकार संघ प्रदेश अध्यक्ष समीर पाठक ने कहा कि हमारा संगठन पत्रकारों के हितों के लिए संघर्षरत है। पत्रकार समाज में वैचारिक जागृति लाकर क्षेत्र व राष्ट्र की प्रगति में महत्ती भूमिका निभाते हैं। पत्रकारों के संघर्ष को प्रोत्साहित करने हेतु किए गए इस आयोजन में सिर्फ पत्रकार ही नहीं समाज के कई क्षेत्रों के प्रबुद्घजनों के विचार जानने का मौका मिला है आप लोगों का साथ यूँ ही बना रहे और समाज व राष्ट्र प्रगति करते रहें।
चेम्बर ऑफ कॉमर्स के पूर्व अध्यक्ष व समाजसेवी कांतिलाल छाजेड़ ने कहा कि भारतीय समाज को जागरूक बनाने के लिए प्रिन्ट मीडिया की भूमिका अहम है। मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है। हमारे मालवा के रतलाम में पत्रकारिता और पत्रकारों का स्वर्णिम इतिहास रहा है। धर्म और संस्कृति और मालवा के संस्कारों को आप पत्रकार केवल क्षेत्र और देश ही नहीं बल्कि दुनिया के कोने-कोने में पहुँचा रहे हैं जिसके लिए क्षेत्र के समस्त पत्रकारों का प्रयास ना केवल सराहनीय अपितु प्रेरणीय भी है। आज मुझे यहाँ बुलाकर आपने जो सम्मान दिया है उसके लिए मैं श्रमजीवी पत्रकार संघ एवं मालवा श्रमजीवी पत्रकार संघ का हृदय से आभारी हूँ और दोनो संघों के उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ।