
महाराष्ट्र में तीन-चार महीने बाद विधानसभा के चुनाव होने हैं. इस बात को ध्यान में रखते हुए विपक्षी पार्टी कांग्रेस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) पार्टी के नेता और विधायक अपनी-अपनी पार्टी से इस्तीफा देकर बीजेपी या शिवसेना में शामिल हो रहे हैं ताकि उनका राजनीतिक अस्तित्व बचा रहे. इसी कड़ी में मंगलवार को एनसीपी के तीन और कांग्रेस के एक विधायक ने इस्तीफा दे दिया है. एनसीपी के विधायक शिवेंद्र सिंहराजे भोसले (सतारा), वैभव पिचड़ (अकोले) और संदीप नाईक (ऐरौली, नवी मुंबई) तथा कांग्रेस के विधायक कालिदास कोलंबकर (नयगांव, मुंबई) ने अपने इस्तीफे मुंबई में स्थित विधान भवन में विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागड़े को सौंपे. सूत्रों की मानें तो यह चारों विधायक बुधवार को भाजपा में शामिल हो सकते हैं. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कुछ और नेता बीजेपी-शिवसेना का रुख कर सकते हैं. हाल ही में विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे राधाकृष्ण विखे पाटिल ने बीजेपी का दामन थामा है. पाटिल कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे हैं और माना जा रहा है कि उनके पार्टी छोड़ने का कांग्रेस पर बड़ा असर पड़ेगा. जबकि एनसीपी के मुंबई अध्यक्ष सचिन अहीर ने शिवसेना का दामन थामा है.वहीं एनसीपी नेता जयदत्त क्षीरसागर मई में शिवसेना में शामिल हुए थे. कोलंबकर मुंबई से सात बार विधायक रह चुके हैं. बहरहाल एक समय शरद पवार को पूरे देश की राजनीति का चाणक्य कहा जाता था लेकिन जिस तरीके से उनके गृह प्रदेश में ही उनके लोग साथ छोड़ बीजेपी और शिवसेना में जा रहे हैं, निश्चित ही शरद पवार की रातों की नींद उड़ी हुई है और पवार अब बीजेपी के उपर ईडी और इनकम टैक्स का डर दिखाकर अपनी पार्टी में नेताओं को शामिल कराने का आरोप लगा रहे हैं.