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धर्म के आधार पर मुस्लिम माता-बहनों के साथ अन्याय नहीं होगा: अमित शाह

धर्म के आधार पर मुस्लिम माता-बहनों के साथ अन्याय नहीं होगा: अमित शाह

 भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मैं संसद के उच्च सदन, राज्यसभा द्वारा तीन तलाक की कुप्रथा पर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार द्वारा लाये गए ऐतिहासिक मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल के पारित होने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, क़ानून मंत्री, मंत्रिमंडल और लोकसभा एवं राज्यसभा के सभी सदस्यों का हार्दिक अभिनंदन करता हूँ। साथ ही, देश भर की मुस्लिम बहनों को तीन तलाक के अभिशाप से छुटकारा मिलने पर बधाई देता हूँ। उन्होंने कहा कि ट्रिपल तलाक पर बैन के इस ऐतिहासिक निर्णय से मोदी सरकार ने देश की मुस्लिम महिलाओं के लिए अभिशाप बने 3 तलाक से उन्हें मुक्ति देकर समाज में सम्मान से जीने का अधिकार दिया है। इस विधेयक को पास करा कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसके प्रति अपनी प्रतिबद्धता को पूरा किया है, अपने वादे को पूरा कर दिखाया है। यह न्यू इंडिया है जो सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की नीति पर काम करता है। 
         मोदी सरकार महिला सशक्तिकरण और महिला अधिकारों की रक्षा के लिए समर्पित है, ट्रिपल तलाक पर बैन इसी दिशा में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम है जो मुस्लिम महिलाओं के जीवन में आशा और सम्मान का नया युग लाएगा। यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं की गरिमा को सुनिश्चित करने और उसे अक्षुण्ण रखने के लिए उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है। इस विधेयक के पारित होने से मुस्लिम महिलाओं के लिए असीम संभावनाओं के द्वार खुलेंगे जिससे वे ‘न्यू इंडिया' के निर्माण में प्रभावी भूमिका अदा कर सकेगी।
         अमित शाह ने कहा कि मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी दो-दो बार प्रयास हुए थे लेकिन जबकि कांग्रेस पार्टी के दोहरे रवैये, विरोध और महिला विरोधी मानसिकता के कारण राज्य सभा में यह विधेयक पास नहीं हो सका था जिसके चलते सरकार को मुस्लिम महिलाओं के अधिकार व सम्मान की रक्षा के लिए अध्यादेश लाना पड़ा था। यह विधेयक उन सभी राजनीतिक दलों के लिए भी एक आत्मग्लानि एवं आत्मचिंतन का विषय है जिन्होंने अपनी वोटबैंक की राजनीति के लिए दशकों से मुस्लिम समाज की महिलाओं को इस कुप्रथा से प्रताड़ित होने को मजबूर किया और इस विधेयक को पारित होने की राह में रोड़े अटकाये रखा। ट्रिपल तलाक पर मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज पर विधेयक का संसद के दोनों सदनों से पारित किया जाना मुस्लिम महिलाओं के समानता के अधिकार की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी क्योंकि इससे  मुस्लिम महिलाओं के समानता और मूलभूत संवैधानिक अधिकारों की जीत सुनिश्चित हुई है। भारतीय जनता पार्टी मुस्लिम महिलाओं को मिले उनके अधिकारों एवं सम्मान का स्वागत करती है तथा इसे संकल्पवान ‘न्यू इंडिया' के लक्ष्य को हासिल करने की ओर बढ़ते हुए कदम के रूप में देखती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्त्व में केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार महिलाओं के सम्मान व उनके अधिकारों की सुरक्षा करने के लिए कृतसंकल्पित है। हमारा स्पष्ट मानना है कि धर्म अथवा संप्रदाय के आधार पर मुस्लिम माताओं-बहनों के साथ भी अन्याय नहीं होना चाहिए। ज्ञात हो कि ट्रिपल तलाक बिल - द मुस्लिम वुमन प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरिज बिल 2019 को मौजूदा बजट सत्र में ही 25 जुलाई 2019 को पारित किया गया था जिसे आज संसद के उच्च सदन राज्य सभा में पेश किया गया जिसे 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित कर दिया गया।

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