उन्नाव रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इससे जुड़े सभी केस दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में ट्रांसफर हो गए हैं। इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने 45 दिन में पूरी करने के आदेश दिए हैं। अगले हफ्ते से शुरू होने वाली रोज सुनवाई की अध्यक्षता जज धर्मेश शर्मा करेंगे। धर्मेश शर्मा की छवि एक अच्छे इंसान और ऊर्जावान अधिकारी के रूप में जाना जाता है। उनके साथ काम करने वालों का कहना है कि वह केस में त्वरित कार्रवाई को महत्व देते हैं। धर्मेश दिल्ली स्टेट लीगल सर्विसेस अथॉरिटी (डीएसएलएसए) में वरिष्ठ अधिकारी के रूप में भी कार्यरत रह चुके हैं।
तीस हजारी बार असोसिएशन के अध्यक्ष ऐडवोकेट नरेश चंद गुप्ता का कहना है कि जज शर्मा एक अच्छे इंसान हैं, जिनका आचरण बोलता है। उन्होंने कहा कि वह जानकार और सभ्य व्यक्ति हैं।' वह वकीलों के साथ अच्छा व्यवहार रखने और सुनवाई के दौरान तर्कपूर्ण टिप्पणी करने की वजह से जज शर्मा की सराहना करते हैं। 6 फरवरी, 2014 को जज शर्मा डीएसएलएसए के सचिव नियुक्त हुए थे और 28 फरवरी 2017 को उनका कार्यकाल खत्म हुआ। इस दौरान उन्होंने दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष डीएसएलएसए का प्रतिनिधित्व किया। उनका पहला केस अरुणाचल प्रदेश के विधायक के बेट निडो तानिया की हत्या से जुड़ा था। तानिया को फिजिकल अपीयरेंस के लिए तंग करने के बाद उनकी कथित रूप से हत्या कर दी गई थी।
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उन्नाव केस: जज धर्मेश शर्मा करेंगे सुनवाई, इन खासियतों के चलते मिला केस