
एनएमसी विधेयक के विरोध में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने एक बार फिर राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने का फैसला लिया है। आईएमए की आपातकालीन विस्तारित एक्शन कमेटी ने आगामी बृहस्पतिवार को देशभर में हड़ताल करने की घोषणा की है। एसोसिएशन 8 अगस्त को सुबह 6 बजे से अगले दिन सुबह 6 बजे तक कोई भी सेवा प्रदान नहीं करेगा। आईएमए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ शांतनु सेन ने बताया कि एनएमसी बिल 2019 को मेडिकल क्षेत्र में स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीण रोगियों को बुरी तरह प्रभावित करेगा। डॉक्टरों की मांग हैं कि भारत सरकार आधुनिक चिकित्सा बिरादरी को अहम बातचीत में शामिल करे और इस मुद्दे का तुरंत हल करे। साथ ही विधेयक से जुड़ी मुख्य चिंताओं को संशोधित करे। आईएमए इस लड़ाई को जारी रखते हुए इस मुद्दे को बड़े पैमाने पर लोगों के बीच ले जाएगा। बताया जा रहा है कि विधेयक की धारा 51 के तहत कंबाइंड मॉड्यूल और पाठ्यक्रम सामग्री तैयार करने वाले होम्योपैथी और आयुष परिषदों के साथ एनएमसी के कंबाइंड सेशन के बारे में बात करता है। आईएमए के अनुसार मेडिकल कॉलेज से अंडरग्रेजुएट करने वाले सभी डॉक्टर हाइब्रिड डॉक्टर होंगे और क्रॉसपैथी के कारण सभी सिस्टम दूषित हो जाएंगे। राज्य सरकार को ब्रिज कोर्स प्रदान कर धारा 51 क्रॉसपैथी को बढ़ावा देगी। धारा 15 मेडिकल के छात्रों के लिए एक चिंता का विषय है और जो भी स्पष्टीकरण प्रदान किए गए हैं, हम उनसे संतुष्ट नहीं हैं। इसके अलावा उन्हें इस बिल में शामिल भी नहीं किया। बताते हैं कि इससे पहले भी पिछले महीने में आईएमए देश भर में हड़ताल कर चुका है। करीब साढ़े तीन लाख डॉक्टरों ने इस हड़ताल में सहभागिता की थी।