
सर्वोच्च न्यायालय से 84 सिख दंगे से जुड़े मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे पूर्व सांसद सज्जन कुमार को राहत नहीं मिली। न्यायालय ने सज्जन कुमार की सजा निलंबित कर जमानत देने की मांग पर मई 2020 को अगली सुनवाई तय की है। न्यायमूर्ति एसए बोबडे और बीआर गवई की पीठ ने कहा कि यह सामान्य मामला नहीं है। इसमें किसी भी तरह का आदेश पारित करने से पहले विस्तृत सुनवाई की जरूरत है। पीठ ने कहा कि सभी पक्षों को विस्तार से सुने बिना किसी भी तरह का आदेश पारित नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार को पिछले साल दिसंबर में उच्च न्यायालय ने सिख दंगे से जुड़े मामले में उम्रकैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद से कुमार तिहाड़ जेल में बंद है। कुमार ने उच्च न्यायालय के 17 दिसंबर, 2018 के फैसले को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। साथ ही अर्जी दाखिल कर जमानत पर रिहा करने की मांग की है। उच्च न्यायालय ने वर्ष 2013 में निचली अदालत द्वारा पूर्व सांसद कुमार को बरी किए जाने के फैसले को रद्द करते हुए उन्हें सजा सुनाई थी। कुमार ने 31 दिसंबर, 2018 को जेल में आत्मसमर्पण कर दिया था।