
भारत में 1961 से दहेज लेने व देने को गैर-कानूनी माना जाता है। इसके बाद भी समाज में आज भी दहेज का लेनदेन होता है। अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि भारतीय परिवार इसे ‘तोहफा’ कैसे मान सकते हैं। परिणीति ने कहा वर्तमान युग में भी दहेज की प्रथा जारी रहना शर्मनाक है। परिणीति ने बताया सब जानते हैं कि दहेज-प्रथा गैरकानूनी और अनैतिक है। फिर भी इसका लेनदेन किया जा रहा है। गुस्सा तो तब आता है, जब लोग इसके ऊपर ‘तोहफा’ का बताते हैं। दहेज का साफ अर्थ यही है कि आप लडक़ी की कीमत लगा रहे हैं। उसे खरीद रहे हैं। अपनी आगामी फिल्म ‘जबरिया जोड़ी’ के प्रोमोशन के दौरान अभिनेत्री ने कहा हम खुद को आधुनिक कहते हैं। हमें यह भी देखना चाहिए कि हम क्या कर रहे हैं? श्रेष्ठ दिखने के लिए हम लडक़ी के परिवार वालों से पैसे और लक्जेरियस चीजों की मांग करते हैं। हमारे देश का यह नजारा दुर्भाग्यपूर्ण है। दहेज देना एक और अपराध को न्योता देने जैसा है। इसी तरह के विवाह होने से वैवाहिक रिश्तों में भावनात्मक संबंधों का लोप होता जा रहा है।