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एफपीआई बोला, जब टैक्स स्थिरता होगी तब कर सकेंगे निवेश

एफपीआई बोला, जब टैक्स स्थिरता होगी तब कर सकेंगे निवेश

विदेशी कंपनियों ने भारत में निवेश को लेकर टैक्स में राहत की अपेक्षा व्यक्त की है। विदेशी पोर्टफोलियों निवेशकों (एफपीआई) ने वित्तमंत्री से उन पर लगने वाले सरचार्ज वापस लेने की मांग करते हुए कहा कि भारत में निवेश करने में वे तभी सक्षम हो पाएंगे जब टैक्स स्थिरता होगी। वित्त मंत्रालय ने टैक्सेसन में किए गए बदलाव को लेकर निवेशकों की चिंता जानने के लिए शुक्रवार को एफपीआई और घरेलू संस्थागत निवेशकों(डीआईआई) की एक बैठक बुलाई थी जिसमें एफपीआई के प्रतिनिधियों ने नार्थ ब्लॉक में वित्तमंत्री और सचिवों से मुलाकात की। पिछले महीने 5 जुलाई को संसद में पेश आम बजट 2019-20 में सरकार ने दौलतमंद इनकम टैक्सपेयर्स पर सरचार्ज बढ़ाने की घोषणा की थी, जिसके बाद विदेशी निवेशकों ने भारतीय बाजार से 22 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी की। बैठक में सभी प्रमुख विदेशी संस्थागत निवेशकों ने हिस्सा लिया। हालांकि बैठक में वित्त मंत्रालय के अधिकारियों ने उनके द्वारा दिए गए सुझावों पर कोई बयान नहीं दिया, लेकिन उनके द्वारा उठाए गए मसलों को सुना। बैठक में एफपीआई ने वित्त मंत्री से टैक्स स्थिरता की मांग करते हुए कहा कि वे भारत में तभी निवेश करने में सक्षम होंगे जब उन पर लगने वाला सरचार्ज वापस लिया जाएगा।
एएमआरआई (एसोसिएशन ऑफ एसेंट मैनेजमेंट राउंडटेबल ऑफ इंडिया) की प्रेसिडेंट नंदिता पारकर ने कहा, 'हमने टैक्सेसन और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर बातचीत की। हमने उनको बताया कि भारत सिर्फ इक्विटी एफपीआई प्रवाह में 25-35 अरब डॉलर निवेश को आकर्षित कर सकता है। इसके लिए स्थिर टैक्स सिस्टम काफी जरूरी है जिससे टैक्स बाधक न बने। यही बड़ा मसला था जिस पर विचार-विमर्श किया गया।' उन्होंने कहा कि भारत में स्टॉक में नई स्फूर्ति लाने के लिए सरल उपाय करने की आवश्यकता है। उनसे जब पूछा गया कि क्या उनको उम्मीद है कि सरकार एफपीआई पर प्रस्तावित कर वापस लेगी तो उन्होंने कहा, 'मैं सिर्फ उम्मीद ही कर रही हूं।' उन्होंने कहा कि यदि एफपीआई कर जारी रहेगा तो इससे भारत में एफपीआई के निवेश को बड़ा नुकसान होगा। पारकर ने कहा, 'हमने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स की वापसी का मसला भी मंत्रालय के पास लाया क्योंकि अधिकांश देशों में यह नहीं है।' 

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