
सिंगारचोली फ्लाईओवर की गुणवत्ता को लेकर की गई शिकायतों के बाद अब 221 करोड के पूरे सिक्सलेन प्रोजेक्ट की ही जांच होने जा रही है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) मुख्यालय (दिल्ली) ने इस पूरे प्रोजेक्ट की जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं। बताया जा रहा है कि अब प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यों का री-ऑडिट किया जाएगा। खास तौर से तकनीकी खामियों पर जोर दिया जाएगा। फ्लाईओवर की डिजाइन, स्ट्रक्चर, लंबाई व चौड़ाई को लेकर रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जांच में अहम बिंदु यह होगा कि संबंधित फ्लाईओवर का निर्माण आवश्यकता अनुसार किया गया है कि नहीं। एनएचएआई मुख्यालय में घटिया निर्माण सामग्री के उपयोगी की सर्वाधिक शिकायतें दर्ज कराई थीं। इसलिए मुख्यालय द्वारा जारी निर्देश में मटेरियल की जांच का उल्लेख भी किया गया है।
एनएचएआई मुख्यालय ने प्रोजेक्ट के दौरान तैयार की जाने वाली प्रोग्रेस रिपोर्ट भी तलब की है। इस प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर मुख्यालय के अधिकारी निर्माण कार्यें की अवधि का आंकलन करेंगे। तब यह स्थिति भी स्पष्ट होगी कि कितने समय में फ्लाईओवर का निर्माण किया जाना था और कितने समय में किया गया। बता दें कि एनएचएआई के अधिकारियों के निर्देश पर ठेकेदार कंपनी ने जल्दबाजी में काम किया था। फ्लाईओवर निर्माण में ठेकेदार कंपनी से पहले एनएचएआई के अधिकारयों की हर स्तर पर लापरवाही सामने आई है, लेकिन जांच का दायरा सिर्फ ठेकेदार कंपनी तक ही सीमित रखा गया है। मामला उजागर हुए 15 दिन हो चुके हैं पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय नहीं की गई है। घटिया निर्माण कार्य के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सिर्फ नोटिस भेजे गए हैं। इस बारे में एनएचएआई के प्रोजेक्ट डायरेक्टर एमएल पुरबिया का कहना है कि वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर हम जांच कर रहे हैं। प्रोजेक्ट के तहत अब सभी निर्माण कार्यों की बारीकी से जांच की जाएगी। फ्लाईओवर की जांच भी जारी है।