
तकनीकी एवं संस्कृत शिक्षा, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, सूचना एवं जनसम्पर्क राज्यमंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने एमएनआईटी के प्रभा भवन में ‘राजस्थान में तकनीकी शिक्षा के संदर्भ में नई शिक्षा नीति’ विषय पर आयोजित राज्यस्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए कहा है कि मल्टी डिसिप्लिनरी, मल्टी डाइमेंशनल और मल्टी कल्चरल वैल्यूज पर आधारित समेकित शिक्षा नीति वर्तमान समय की आवश्यकता है। इसके लिए उच्च शिक्षा, चिकित्सा, आयुर्वेद, संस्कृत एवं तकनीकी शिक्षा सभी को एक छत के नीचे लाना होगा। तभी छात्रों में आज के एआई और रोबोटिक्स के इस युग के अनुरूप ट्रांसडिस्प्लिनरी समझ विकसित कर उनका कौशल विकास किया जा सकेगा।
तकनीकी शिक्षा राज्यमंत्री ने कहा कि हमें अपने विद्यार्थियों को नंबरों और पर्सेंटाइल के दबाव से बाहर लाकर उनमें ज्ञानार्जन की इच्छा जगाने वाली शिक्षा नीति विकसित करनी होगी। उन्होंने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि मैं आज राजनीति में हूं लेकिन उससे पहले एक शिक्षक था। इसलिए मेरी जिम्मेदारी है कि शिक्षा को राजनीति से दूर रखा जाए और सभी शिक्षकों की भी यह जिम्मेदारी बनती है। उन्होंने कहा कि हमें सामाजिक सरोकार का भाव रखकर शिक्षा में गुणवत्ता के स्तर को सुधारना होगा। उन्होंने कहा कि एआईसीटीई ने 2020 तक नए इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने पर रोक लगा दी है। बार काउंसिल ने तीन साल तक नए लॉ कॉलेज खोलने पर रोक लगाई है। ऐसे में शिक्षा की इन अखिल भारतीय स्तर की संस्थाओं को इसके कारणों और अपनी भूमिका पर फिर से विचार करने की आवश्यकता है।